मांगने पर जहाँ पूरी हर मन्नत होती है
माँ के पैरों में ही तो वो जन्नत होती है
माँ के पैरों में ही तो वो जन्नत होती है
गिन लेती है दिन बगैर मेरे गुजारें हैं कितने
भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी
भला कैसे कह दूं कि माँ अनपढ़ है मेरी
लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक मां है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती
बस एक मां है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती
मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारों
सुबह आँख खुली तो सर माँ के कदमों में था
सुबह आँख खुली तो सर माँ के कदमों में था
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है
माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है
Maa Beautiful Shayari
किसी भी मुश्किल का अब किसी को हल नहीं मिलता
शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नहीं निकलता
शायद अब घर से कोई माँ के पैर छूकर नहीं निकलता
Maa Shayari for Whatsapp
किसी को घर मिला, किसी के हिस्से में दुकां आई
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में मां आई
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में मां आई
Maa Par Shayari
न जाने क्यों आज के इंसान इस बात से अनजान हैं
छोड़ देते हैं बुढ़ापे में जिसे वो माँ तो एक वरदान है
छोड़ देते हैं बुढ़ापे में जिसे वो माँ तो एक वरदान है
Maa Pe Beautiful Shayari
एक मुद्दत हुई मेरी मां नहीं सोई तबिश
मैंने एक बार कहा था कि मुझे डर लगता है
मैंने एक बार कहा था कि मुझे डर लगता है
Maa Ke Liye Shayari
माँ तेरे दूध का हक़ मुझसे अदा क्या होगा
तू है नाराज तो खुश मुझसे खुदा क्या होगा
तू है नाराज तो खुश मुझसे खुदा क्या होगा
Pyari Maa Shayari
ना जाने माँ क्या मिलाया करती हैं आटे में
ये घर जैसी रोटियाँ और कहीं मिलती नहीं
ये घर जैसी रोटियाँ और कहीं मिलती नहीं
Maa Par Shayari
माँ है तो फिर सब कुछ है इस जहाँ में
कौन कहता है यहाँ जन्नत नहीं मिलती
कौन कहता है यहाँ जन्नत नहीं मिलती
Shayari for Maa
माँ से बड़कर कोई नाम क्या होगा
इस नाम का हमसे एहतराम क्या होगा
जिसके पैरों के नीचे जन्नत है
उसके सर का मक़ाम क्या होगा
इस नाम का हमसे एहतराम क्या होगा
जिसके पैरों के नीचे जन्नत है
उसके सर का मक़ाम क्या होगा
Maa Sundar Shayari
अभी ज़िन्दा है मां मेरी मुझे कु्छ भी नहीं होगा
मैं जब घर से निकलता हूं दुआ भी साथ चलती है
मैं जब घर से निकलता हूं दुआ भी साथ चलती है
Bholi Maa Shayari
मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आंसू
मुद्दतों मां ने नहीं धोया दुपट्टा अपना
मुद्दतों मां ने नहीं धोया दुपट्टा अपना
Maa Ke Liye Shayari
ऐ अंधेरे! देख ले मुंह तेरा काला हो गया
माँ ने आंखें खोल दीं घर में उजाला हो गया
माँ ने आंखें खोल दीं घर में उजाला हो गया
Maa Par Shayari in Hindi
मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊं
मां से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं
मां से इस तरह लिपट जाऊं कि बच्चा हो जाऊं
Maa Ke Liye Hindi Shayari
खाने की चीज़ें मां ने जो भेजी हैं गांव से
बासी हो गई हैं मगर लज़्ज़त वही रही
बासी हो गई हैं मगर लज़्ज़त वही रही
Maa Beautiful Shyari
चलती फिरती आँखों से अज़ाँ देखी है
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है
मैंने जन्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है
Meri Maa Shayari
जब तक रहा हूं धूप में चादर बना रहा
मैं अपनी मां का आखिरी ज़ेवर बना रहा
मैं अपनी मां का आखिरी ज़ेवर बना रहा
Shayari for Maa
बुज़ुर्गों का मेरे दिल से अभी तक डर नहीं जाता
कि जब तक जागती रहती है माँ मैं घर नहीं जाता
कि जब तक जागती रहती है माँ मैं घर नहीं जाता
Maa Ki Dua Shayari
हादसों की गर्द से ख़ुद को बचाने के लिए
माँ ! हम अपने साथ बस तेरी दुआ ले जायेंगे
माँ ! हम अपने साथ बस तेरी दुआ ले जायेंगे
Maa Ka Pyar Shayari
ख़ुदा ने ये सिफ़त दुनिया की हर औरत को बख्शी है,
कि वो पागल भी हो जाए तो बेटे याद रहते है
कि वो पागल भी हो जाए तो बेटे याद रहते है
Maa Ke Liye Shayari
मैंने कल शब चाहतों की सब किताबें फाड़ दीं
सिर्फ़ इक काग़ज़ पे लिक्खा लफ़्ज़-ए-मां रहने दिया
सिर्फ़ इक काग़ज़ पे लिक्खा लफ़्ज़-ए-मां रहने दिया
Maa Ki Mamta Shayari
अब भी चलती है जब आँधी कभी ग़म की ‘राना’
माँ की ममता मुझे बाहों में छुपा लेती है
माँ की ममता मुझे बाहों में छुपा लेती है
Maa Par 2 Line Shayari
सर फिरे लोग हमें दुश्मन-ए-जां कहते हैं
हम जो इस मुल्क की मिट्टी को भी मां कहते हैं
हम जो इस मुल्क की मिट्टी को भी मां कहते हैं
Maa Ki Dua Shayari
दुआएं मां की पहुंचाने को मीलों मील जाती हैं
कि जब परदेस जाने के लिए बेटा निकलता है
कि जब परदेस जाने के लिए बेटा निकलता है
Maa Ka Pyaar Pe Shayari
रौशनी देती हुई सब लालटेनें बुझ गईं
ख़त नहीं आया जो बेटों का तो माएं बुझ गईं
ख़त नहीं आया जो बेटों का तो माएं बुझ गईं
Maa Ke Liye Shayari
शहर के रस्ते हों चाहे गांव की पगडंडियां
मां की उंगली थाम कर चलना मुझे अच्छा लगा
मां की उंगली थाम कर चलना मुझे अच्छा लगा
2 Line Maa Shayari
ख़ुद को इस भीड़ में तन्हा नहीं होने देंगे
माँ तुझे हम अभी बूढ़ा नहीं होने देंगे
माँ तुझे हम अभी बूढ़ा नहीं होने देंगे
माँ के लिए शायरी
मां-बाप की बूढ़ी आंखों में इक फ़िक्र-सी छाई रहती है
जिस कम्बल में सब सोते थे अब वो भी छोटा पड़ता है
जिस कम्बल में सब सोते थे अब वो भी छोटा पड़ता है
माँ पर शायरी
बुलंदियों का बड़े से बड़ा निशान छुआ ,
उठाया गोद में माँ ने, तब आसमान छुआ
उठाया गोद में माँ ने, तब आसमान छुआ
माँ की ख्वाहिश शायरी
“एक माँ के दिल की आवाज” –
कम से बच्चों के होंठों की हंसी की ख़ातिर
ऐसे मिट्टी में मिलाना कि खिलौना हो जाऊं
कम से बच्चों के होंठों की हंसी की ख़ातिर
ऐसे मिट्टी में मिलाना कि खिलौना हो जाऊं
मुनव्वर राना की माँ शायरी
ऐसे तो उससे मोहब्बत में कमी होती है
माँ का एक दिन नहीं होता है सदी होती है
(यह शेर उन्होंने मदर्स डे के संदर्भ में कहा था)
माँ का एक दिन नहीं होता है सदी होती है
(यह शेर उन्होंने मदर्स डे के संदर्भ में कहा था)
माँ पर शायरी
उसने मुझे एक थप्पड़ मारा और खुद रोने लगी
सबको खिलाया और खुद बिना खाए सोने लगी
सबको खिलाया और खुद बिना खाए सोने लगी
माँ का प्यार शायरी
वो दिन भर सबके लिए दौड़ती खटती है
जब से हुआ बीमार मेरे हिस्से का दर्द धोने लगी
जब से हुआ बीमार मेरे हिस्से का दर्द धोने लगी
मेरी माँ के लिए शायरी
उसे है ईश्वर ने बनाया कुछ इस तरह
कि अपने दिल में किसी को भी दे दे वह जगह
बस थोड़ा सम्मान और आदर है मांगती
मेरी मां है सब कुछ जानती
कि अपने दिल में किसी को भी दे दे वह जगह
बस थोड़ा सम्मान और आदर है मांगती
मेरी मां है सब कुछ जानती
माँ जन्नत होती है शायरी
सबकुछ मिल जाता है दुनिया में मगर
याद रखना कि बस माँ-बाप नहीं मिलते
मुरझा कर जो गिर गए एक बार डाली से
ये ऐसे फूल हैं जो फिर नहीं खिलते
याद रखना कि बस माँ-बाप नहीं मिलते
मुरझा कर जो गिर गए एक बार डाली से
ये ऐसे फूल हैं जो फिर नहीं खिलते
माँ का प्यार शायरी
तेरे क़दमों में ये सारा जहां होगा एक दिन
माँ के होठों पे तबस्सुम को सजाने वाले
माँ के होठों पे तबस्सुम को सजाने वाले
माँ दुआ शायरी
सख्त राहों में भी आसान सफ़र लगता है
ये मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है
ये मेरी माँ की दुआओं का असर लगता है
माँ के लिए सुन्दर शायरी
सीधा साधा भोला भाला मैं ही सब से सच्चा हूँ
कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ आज भी तेरा बच्चा हूँ
कितना भी हो जाऊं बड़ा माँ आज भी तेरा बच्चा हूँ
माँ की ममता पर शायरी
घुटनों से रेंगते-रेंगते जब पैरों पर खड़ा हो गया
माँ तेरी ममता की छाँव में जाने कब बड़ा हो गया
माँ तेरी ममता की छाँव में जाने कब बड़ा हो गया
शायरी मेरी माँ के लिए
जो मांगू वो दे दिया कर
ऐ ज़िन्दगी
तू बस
मेरी माँ की तरह बन जा
ऐ ज़िन्दगी
तू बस
मेरी माँ की तरह बन जा
जन्नत से खुबसूरत है माँ
कुछ लोग कहते है जन्नत से खूबसूरत कुछ भी नहीं
शायद उन्होंने कभी अपनी माँ को खुल के
मुस्कुराते हुए नहीं देखा होगा
शायद उन्होंने कभी अपनी माँ को खुल के
मुस्कुराते हुए नहीं देखा होगा
माँ के हाथों की रोटी शायरी
मेरी खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता है
अपने हाथो को चूल्हे में जलाना याद आता है
वो डांट-डांट कर खाना खिलाना याद आता है
मेरे वास्ते तेरा पैसा बचाना याद आता है
कही हो जाये ना घर की मुसीबत लाल को मालूम
छुपा कर तकलीफें तेरा मुस्कुराना याद आता है
जब आये थे तुझे हम छोड़ कर परदेश मेरी माँ
मुझे वो तेरा बहुत आंसू बहाना याद आता है
अपने हाथो को चूल्हे में जलाना याद आता है
वो डांट-डांट कर खाना खिलाना याद आता है
मेरे वास्ते तेरा पैसा बचाना याद आता है
कही हो जाये ना घर की मुसीबत लाल को मालूम
छुपा कर तकलीफें तेरा मुस्कुराना याद आता है
जब आये थे तुझे हम छोड़ कर परदेश मेरी माँ
मुझे वो तेरा बहुत आंसू बहाना याद आता है
बचपन में माँ की याद शायरी
ना जाने क्या था “माँ” की उस “फूँक” में
हर “चोट” ठीक हो जाया करती थी
“माँ” की हल्की सी एक “चपत” ज़मीन को
सारा “दर्द” ही “गायब” कर दिया करती थी
हर “चोट” ठीक हो जाया करती थी
“माँ” की हल्की सी एक “चपत” ज़मीन को
सारा “दर्द” ही “गायब” कर दिया करती थी
मेरी प्यारी माँ
हजारों गम हों फिर भी मैं ख़ुशी से फूल जाता हूँ
जब हंसती है मेरी माँ मैं हर गम भूल जाता हूँ
जब हंसती है मेरी माँ मैं हर गम भूल जाता हूँ
माँ के हाथ की रोटी
भूख तो एक रोटी से भी मिट जाती माँ
अगर थाली की वो एक रोटी तेरे हाथ की होती
अगर थाली की वो एक रोटी तेरे हाथ की होती
माँ का ममता भरा प्यार
जन्नत का हर लम्हा….दीदार किया था
गोद मे उठाकर जब माँ ने प्यार किया था
गोद मे उठाकर जब माँ ने प्यार किया था
मेरी माँ – सबसे अच्छी माँ
आज रोटी के पीछे भागता हूँ तो याद आता है मुझे
रोटी खिलाने के लिए माँ मेरे पीछे भागती थी
रोटी खिलाने के लिए माँ मेरे पीछे भागती थी
Meri Maa Ke Liye Shayari
आज लाखों रुपये बेकार हैं
वो एक रुपये के सामने
जो माँ स्कूल जाते वक्त देती थी
वो एक रुपये के सामने
जो माँ स्कूल जाते वक्त देती थी
Maa Par Anmol Vachan
ऊपर जिसका अंत नहीं
उसे आसमां कहते हैं
इस जहाँ में जिसका
अंत नहीं उसे
माँ कहते हैं
उसे आसमां कहते हैं
इस जहाँ में जिसका
अंत नहीं उसे
माँ कहते हैं
Maa Ka Pyar 2 Lines
पूछता है जब कोई मुझसे कि
दुनिया में मुहब्बत अब बची है कहाँ ?
मुस्कुरा देता हूँ मैं
और याद आ जाती है “माँ”
दुनिया में मुहब्बत अब बची है कहाँ ?
मुस्कुरा देता हूँ मैं
और याद आ जाती है “माँ”
Budhi Maa Ka Pyar
दवा असर ना करे
तो नजर उतारती है
माँ है जनाब
वो कहाँ हार मानती है
तो नजर उतारती है
माँ है जनाब
वो कहाँ हार मानती है
Maa Ki Muskan Shayari
हजारों गम हों फिर भी मैं ख़ुशी से फूल जाता हूँ
जब हंसती है मेरी माँ तो मैं हर गम भूल जाता हूँ
जब हंसती है मेरी माँ तो मैं हर गम भूल जाता हूँ
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