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दोस्तों 2018 अब पुराना साल हो चुका है| आप सभी का नए साल 2019 में बहुत बहुत स्वागत है| नया साल हमारा इंतजार कर रहा है| सभी के मन में कुछ ना कुछ नयी उमंगें जरुर होंगी| सभी आने वाले नए साल को लेकर काफी उत्सुक होंगे| हममें से कई लोगों के सपने आने वाले …
एक बार की बात है किसी दूर राज्य में एक राजा शासन करता था। उसके राज्य में सारी प्रजा बहुत संपन्न थी, किसी को कोई भी दुःख नहीं था| ना ही किसी का कोई ऋण था। राजा के पास भी खजाने की कमी नहीं थी वह बहुत वैभवशाली जीवन जीता था। एक बार राजा के मन …
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Why Goal Setting is Important in Hindi | कितना जरुरी है लक्ष्य बनाना एक बार एक आदमी सड़क पर सुबह सुबह दौड़ लगा रहा था, अचानक एक चौराहे पर जाकर जाकर वो रुक गया उस चौराहे पे चार सड़क थीं जो अलग रस्ते पे जाती थीं। एक बूढ़े व्यक्ति से उस आदमी ने पूछा – …
दत्तात्रेय जयंती को दत्त जयंती भी कहा जाता है, इस दिन भगवान दत्तात्र्य (दत्त) के जन्मदिन को मनाते है, हिंदू धर्म में भगवान दत्तात्रेय को त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का एकरूप माना गया है। धर्म ग्रंथों के अनुसार श्री दत्तात्रेय भगवान विष्णु के छठे अवतार हैं। वह आजन्म ब्रह्मचारी और अवधूत रहे इसलिए वह सर्वव्यापी कहलाए। यही कारण है कि तीनों ईश्वरीय शक्तियों से समाहित भगवान दत्तात्रेय की आराधना बहुत ही सफल, सुखदायी और शीघ्र फल देने वाली मानी गई है। मन, कर्म और वाणी से की गई उनकी उपासना भक्त को हर कठिनाई से मुक्ति दिलाती है। हिंदु कैलेंडर के अनुसार मार्गशिर्ष महीने की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। दत्तात्रेय जयंती मुख्य रूप से महाराष्ट्र में मनाई जाती है। भक्तों का मानना है कि वे दत्तात्रेय जयंती पर पूजा करते हुए जीवन के सभी पहलुओं में लाभ पाते हैं लेकिन इस दिन का मुख्य महत्व यह है कि यह व्यक्तियों के पितृ मुद्दों से रक्षा करता है।
दत्तात्रेय में ईश्वर और गुरु दोनों रूप समाहित हैं इसीलिए उन्हें ‘परब्रह्म मूर्ति सद्गुरु’ और ‘श्री गुरु देव दत्त’ भी कहा जाता हैं। भगवान दत्तात्रेय को नाथ संप्रदाय की नवनाथ परंपरा का भी अग्रज माना है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार एक बार तीनों देवियों पार्वती, लक्ष्मी तथा सावित्री जी को अपने पतिव्रत धर्म पर बहुत घमण्ड होता है अत: नारद जी को जब इनके घमण्ड के बारे में पता चला तो वह इनका घमण्ड चूर करने के लिए बारी-बारी से तीनों देवियों की परीक्षा लेते हैं जिसके परिणाम स्वरूप दत्तात्रेय का प्रादुर्भाव होता है.
नारद जी देवियों का गर्व चूर करने के लिए बारी-बारी से तीनों देवियों के पास जाते हैं और देवी अनुसूया के पतिव्रत धर्म का गुणगान करते हैं. लगे. देवी ईर्ष्या से भर उठी और नारद जी के जाने के पश्चात भगवान शंकर से अनुसूया का सतीत्व भंग करने की जिद करने लगी. सर्वप्रथम नारद जी पार्वती जी के पास पहुंचे और अत्रि ऋषि की पत्नी देवी अनुसूया के पतिव्रत धर्म का गुणगान करने लगे.
देवीयों को सती अनुसूया की प्रशंसा सुनना कतई भी रास नहीं आया. घमण्ड के कारण वह जलने-भुनने लगी. नारद जी के चले जाने के बाद वह देवी अनुसूया के पतिव्रत धर्म को भंग करने की बात करने लगी. ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश तीनों को अपनी पत्नियो के सामने हार माननी पडी़ और वह तीनों ही देवी अनुसूया की कुटिया के सामने एक साथ भिखारी के वेश में जाकर खडे़ हो गए. जब देवी अनुसूया इन्हें भिक्षा देने लगी तब इन्होंने भिक्षा लेने से मना कर दिया और भोजन करने की इच्छा प्रकट की.
देवी अनुसूया ने अतिथि सत्कार को अपना धर्म मानते हुए उनकी बात मान ली और उनके लिए प्रेम भाव से भोजन की थाली परोस लाई. लेकिन तीनों देवों ने भोजन करने से इन्कार करते हुए कहा कि जब तक आप नग्न होकर भोजन नहीं परोसेगी तब तक हम भोजन नहीं करेगें. देवी अनुसूया यह सुनते ही पहले तो स्तब्ध रह गई और गुस्से से भर उठी. लेकिन अपने पतिव्रत धर्म के बल पर उन्होंने तीनो की मंशा जान ली.
उसके बाद देवी ने ऋषि अत्रि के चरणों का जल तीनों देवों पर छिड़क दिया. जल छिड़कते ही तीनों ने बालरुप धारण कर लिया. बालरुप में तीनों को भरपेट भोजन कराया. देवी अनुसूया उन्हें पालने में लिटाकर अपने प्रेम तथा वात्सल्य से उन्हें पालने लगी. धीरे-धीरे दिन बीतने लगे. जब काफी दिन बीतने पर भी ब्रह्मा, विष्णु तथा महेश घर नही लौटे तब तीनों देवियों को अपने पतियों की चिन्ता सताने लगी.
देवियों को अपनी भूल पर पछतावा होने लगा. वह तीनों ही माता अनुसूया से क्षमा मांगने लगी. तीनों ने उनके पतिव्रत धर्म के समक्ष अपना सिर झुकाया. माता अनुसूया ने कहा कि इन तीनों ने मेरा दूध पीया है, इसलिए इन्हें बालरुप में ही रहना ही होगा. यह सुनकर तीनों देवों ने अपने – अपने अंश को मिलाकर एक नया अंश पैदा किया. इसका नाम दत्तात्रेय रखा गया. इनके तीन सिर तथा छ: हाथ बने. तीनों देवों को एकसाथ बालरुप में दत्तात्रेय के अंश में पाने के बाद माता अनुसूया ने अपने पति अत्रि ऋषि के चरणों का जल तीनों देवो पर छिड़का और उन्हें पूर्ववत रुप प्रदान कर दिया.
https://ift.tt/2DA3uB5 http://bit.ly/2pnaflz Bhaktisanskar.com – भक्ति और अध्यात्म का संगम दत्तात्रेय जयंती व्रत कथा और पूजा मुहूर्त 2018
शिक्षाप्रद प्रेरक प्रसंग कथा – मोची का लालच किसी गाँव में एक धनी(Rich) सेठ रहता था उसके बंगले के पास एक जूते सिलने वाले गरीब मोची की छोटी सी दुकान थी। उस मोची की एक खास आदत थी कि जो जब भी जूते सिलता तो भगवान(God) के भजन गुनगुनाता रहता था लेकिन सेठ ने कभी …
Bachon ki kahaniyan एक बार मधुवन वन में एक कौआ खाने की तलाश में आकाश में उड़ रहा था । उन दिनों वो कौआ अपने जीवन से बहुत संतुष्ट था उसे लगता था कि वह बहुत खुश और जंगल का सबसे अच्छा प्राणी है। दूर उड़ते हुए उसकी नज़र अचानक एक हंस पर पड़ी , …
मोक्षदा एकादशी 2018 – जाने महत्व और पूजा करने की विधि
18 दिसंबर 2018 को गीता जयंती के साथ मोक्षदा एकादशी भी मनाई जा रही है. मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है, मान्यता है इस दिन व्रत करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस व्रत का पालन करने से पितरों को मुक्ति मिलती है और मोक्ष प्राप्त होता है, इसी दिन महाभारत काल के समय भगवान कृष्ण ने अर्जुन को उपदेश दिया था जब अर्जुन इस बात से विचलित हो गए थे कि उन्हें अपनों के विरुद्ध युद्ध लड़ना है | मान्यता है कि एकादशी से एक दिन पहले दशमी को सात्विक भोजन करना चाहिए और भगवान विष्णु का स्मरण करना चाहिए | आइये जानते हैं मोक्षदा एकादशी व्रत के महत्व व इसकी पौराणिक कथा को..
मोक्षदा एकादशी पूजा विधि
मोक्षदा एकादशी को पूरे दिन व्रत रखना चाहिए जो दशमी की रात से शुरू होकर द्वादशी की सुबह पूरा होता है.
भगवान विष्णु के साथ भगवान दामोदार और कुष्ण की धूप, दीप तुलसी से पूजा करें और फलहार का प्रसाद भी चढ़ाएं.
पूजा पाठ करने के बाद व्रत-कथा सुनें और गीता का सम्पूर्ण पाठ करें या अध्याय 11 का पाठ करें.
मोक्षदा एकादशी का महत्व
पौराणिक ग्रंथों में मोक्षदा एकादशी को बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इस दिन तुलसी की मंजरी, धूप-दीप नैवेद्य आदि से भगवान दामोदर का पूजन करने, उपवास रखने व रात्रि में जागरण कर श्री हरि का कीर्तन करने से महापाप का भी नाश हो जाता है। यह एकादशी मुक्तिदायिनी तो है ही साथ ही इसे समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली भी माना जाता है। मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी व्रतकथा पढ़ने-सुनने मात्र से ही वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति होती है।
मोक्षदा एकादशी पौराणिक कथा
मोक्षदा एकादशी की पौराणिक कथा कुछ इस प्रकार है। एक समय की बात है गोकुल नगर पर वैखानस नाम के राजा राज किया करते थे। ये बहुत ही धार्मिक प्रकृति के राजा थे। प्रजा भी सुखचैन से अपने दिन बिता रही थी। राज्य में किसी भी तरह का कोई संकट नहीं था। एक दिन क्या हुआ कि राजा वैखानस अपने शयनकक्ष में आराम फरमा रहे थे। तभी क्या हुआ कि उन्होंने एक विचित्र स्वपन देखा जिसमें वे देख रहे हैं कि उनके पिता (जो मृत्यु को प्राप्त हो चुके थे) नरक में बहुत कष्टों को झेल रहे हैं। अपने पिता को इन कष्टों में देखकर राजा बेचैन हो गये और उनकी निंद्रा भंग हो गई। अपने स्वपन के बारे में रात भर राजा विचार करते रहे लेकिन कुछ समझ नहीं आया।
तब उन्होंनें प्रात:काल ही ब्राह्मणों को बुलवा भेजा। ब्राह्मणों के आने पर राजा ने उन्हें अपने स्वपन से अवगत करवाया। ब्राह्मणों को राजा के स्वपन से यह तो आभास हुआ कि उनके पिता को मृत्युपर्यन्त कष्ट झेलने पड़ रहे हैं लेकिन इनसे वे कैसे मुक्त हो सकते हैं इस बारे में कोई उपाय सुझाने में अपनी असमर्थता जताई। उन्होंनें राजा वैसानख को सुझाव दिया। आपकी इस शंका का समाधन पर्वत नामक मुनि कर सकते हैं। वे बहुत पंहुचे हुए मुनि हैं। अत: आप अतिशीघ्र उनके पास जाकर इसका उद्धार पूछें। अब राजा वैसानख ने वैसा ही किया और अपनी शंका को लेकर पर्वत मुनि के आश्रम में पंहुच गये। मुनि ने राजा के स्वपन की बात सुनी तो वे भी एक बार तो अनिष्ट के डर से चिंतित हुए। फिर उन्होंने अपनी योग दृष्टि से राजा के पिता को देखा। वे सचमुच नरक में पीड़ाओं को झेल रहे थे। उन्हें इसका कारण भी भान हो गया।
तब उन्होंनें राजा से कहा कि हे राजन आपके पिता को अपने पूर्वजन्म पापकर्मों की सजा काटनी पड़ रही है। उन्होंने सौतेली स्त्री के वश में होकर दूसरी स्त्री को सम्मान नहीं दिया, उन्होंनें रतिदान का निषेध किया था। तब राजा ने उनसे पूछा हे मुनिवर मेरे पिता को इससे छुटकारा कैसे मिल सकता है। तब पर्वत मुनि ने उनसे कहा कि राजन यदि आप मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी का विधिनुसार व्रत करें और उसके पुण्य को अपने पिता को दान कर दें तो उन्हें मोक्ष मिल सकता है। राजा ने ऐसा ही किया। विधिपूर्वक मार्गशीर्ष एकादशी का व्रत कर उसके पुण्य को अपने पिता को दान करते ही आकाश से मंगल गान होने लगा। राजा ने प्रत्यक्ष देखा कि उसके पिता बैकुंठ में जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हे पुत्र मैं कुछ समय स्वर्ग का सुख भोगकर मोक्ष को प्राप्त हो जाऊंगा। यह सब तुम्हारे उपवास से संभव हुआ, तुमने नारकीय जीवन से मुझे छुटाकर सच्चे अर्थों में पुत्र होने का धर्म निभाया है। तुम्हारा कल्याण हो पुत्र।
राजा द्वारा एकादशी का व्रत रखने से उसके पिता के पापों का क्षय हुआ और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई इसी कारण इस एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा गया। चूंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश भी दिया था इसलिये यह एकादशी और भी अधिक शुभ फलदायी हो जाती है।
विवाह पंचमी 2018 – प्रभु श्री राम व माता सीता के विवाह की वर्षगांठ और अद्भुत संयोग
दिनांक 12 दिसंबर 2018 को विवाह पंचमी है। श्रवण नक्षत्र है और चंद्रमा मकर राशि में है। इस दिन कोई अभिजीत मुहूर्त नहीं मिलेगा। सूर्य वृश्चिक में गोचर कर रहे हैं साथ ही गुरु भी वृश्चिक में ही हैं। माता सीता तथा प्रभु श्री राम के विवाह की वर्षगांठ के रूप में यह महान पर्व मनाया जाता है। इस दिन विवाह करने से कन्या का सुहाग अखंड रहता है।
ऐसी मान्यता है कि विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और सीता का विवाह कराने से जिन जातको के विवाह में अड़चन या विलम्ब हो रहा हो या विवाह के बाद अनबन हो रही हो तो तुरंत समाधान निकलने लगते है | विवाह पंचमी के दिन रामचरित मानस और बालकांड में भगवान राम और सीता के विवाह प्रसंग का पाठ करना शुभ माना जाता है, इससे परिवार में सुख का वास होता है |
माता सीता और प्रभु श्री राम के विवाह के दिन को आज भी उत्सव के रूप में मनाया जाता है। मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पंचमी ही वह तिथि थी जब प्रभु श्री राम मिथिला में आयोजित सीता स्वयंवर को जीतकर माता सीता से विवाह किया था। इसीलिये इस दिन को विवाह पंचमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2018 में विवाह पंचमी का पर्व 12 दिसंबर को बुधवार के दिन है।
अंक 12 का अंक 3 हुआ जिसका स्वामी ग्रह बृहस्पति हुआ। अंक 12 में 1 का अंक सूर्य तथा 2 का अंक चंद्रमा का है। चंद्रमा सूर्य के ही प्रकाश से प्रकाशित होता है। बाद का 2 का अंक 1 के तुरंत बाद आता है। यदि 12 दिसम्बर 2018 को पूरा अंक निकाला जाय तो अंक 8 आएगा जो कि शनि का अंक है। इस प्रकार सभी मुहूर्त में शनि के ही प्रभाव को महत्ता दी गई है। इस दिन किया जाने वाला कोई भी शुभ कार्य सफल होता है। अतः अंक ज्योतिष से यह विवाह का दिनांक उचित है।
यह तो सभी जानते हैं कि प्रभु श्री राम और माता सीता का विवाह स्वयंवर के द्वारा हुआ था जिसमें भगवान श्री राम ने शिव धनुष को न सिर्फ उठाया बल्कि प्रत्यंचा चढ़ाते हुए वह टूट भी गया था। इसके पीछे भी एक रहस्य है, जानने के लिए ये वीडियो जरूर देखे –
विवाह पंचमी के दिन कई जगह नहीं होते विवाह
विवाह पंचमी का दिन धार्मिक दृष्टि से वैसे तो बहुत शुभ माना जाता है लेकिन कई क्षेत्रों में खासकर नेपाल के मिथिला में क्योंकि माता सीता वहीं प्रकट हुई थी, इस दिन बेटियों का विवाह करना शुभ नहीं माना जाता। इसके पिछे लोगों की यही मान्यता है कि विवाहोपरांत सीता को बहुत कष्ट झेलने पड़े थे। वनवास समाप्ति के पश्चात भी उन्हें सुख नहीं मिला और गर्भवती अवस्था में जंगल में मरने के लिये छोड़ दिया गया था।
महर्षि वाल्मिकी के आश्रम में ही समस्त दुख:सुख सहते उनकी उम्र बीती। इसी कारण लोग सोचते हैं कि उनकी बेटियों को भी माता सीता की तरह कष्ट न उठाने पड़ेंगे सो इस दिन विवाह नहीं करते। इतना ही नहीं विवाह पंचमी के पर्व को मनाने के लिये यदि कोई कथा का आयोजन भी करता है तो कथा सीता स्वयंवर और प्रभु श्री राम और माता सीता के विवाह संपन्न होने के साथ ही समाप्त कर दी जाती है। इससे आगे की कथा दुखों से भरी है इसलिये इस दिन कथा का सुखांत ही किया जाता है और विवाहोपरांत की कथा नहीं कही जाती।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम-सीता के शुभ विवाह के कारण ही विवाह पंचमी का पर्व अत्यंत पवित्र माना जाता है। भारतीय संस्कृति में राम-सीता आदर्श दम्पत्ति माने गए हैं। इस पावन दिन सभी को राम-सीता की आराधना करते हुए अपने सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए प्रभु से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए।
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मानव का जीवन न जाने कितने सवालों से भरा है, हर चीज में एक सवाल है, जिनमें से कई चीजों से जुड़े सवाल तो अभी तक रहस्य बने हुए हैं। ऐसे ही अगर हिन्दू धर्म कि बात करें, तो यहां पर जब हम किसी भी भगवान कि पूजा-अर्चना करते हैं, तो तालियां बजाते हुए उनकी आराधना करते हैं और यह आज से नहीं बल्कि सदियों से चली आ रही एक परंपरा है, उसे ही देखते हुए आज तक लोग तालियां बजाते हुए भगवान की पूजा अर्चना करते हैं। लेकिन इन सब के पीछे क्या कभी आपने यह जानने कि कोशिश की है, कि जब भी हम भगवान कि पूजा या फिर आरती करते हैं तो तालियां क्यों बजाते हैं?
काफी पुराने समय से ही ताली बजाने का चलन है। भगवान की स्तुति, भक्ति, आरती आदि धर्म-कर्म के समय ताली बजाई जाती है।
विज्ञान के अनुसार ताली बजाना एक प्रकार का व्यायाम ही है, ताली बजाने से हमारे पूरे शरीर में खिंचाव होने लगता है और हमारे शरीर की मांसपेशियां एक्टिव हो जाती हैं। जोर-जोर से ताली बजाने की वजह से कुछ ही देर में हमारे शरीर से पसीना आना शुरू हो जाता है और पूरे शरीर में एक अलग तरह की उत्तेजना पैदा हो जाती है। हमारी हथेलियों में शरीर के अन्य अंगों की नसों के बिंदू होते हैं, जिन्हें एक्यूप्रेशर पाइंट कहा जाता है। ताली बजाने से इन बिंदुओं पर दबाव पड़ता है और इनसे संबंधित अंगों में रक्त संचार बढ़ता है, जिससे वे बेहतर काम करने लगते हैं। एक्यूप्रेशर पद्धति में ताली बजाना बहुत अधिक लाभदायक माना गया है। इन्हीं कारणों से ताली बजाना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है।
हिंदू धर्म में आरती के दौरान ताली बजाना जिसे हम कर्तल ध्वनि के नाम से भी जानते हैं, यह एक स्वाभाविक क्रिया मानी जाती है। मंदिर हो या कोई पूजा स्थल, जहां भी आरती संपन्न हो रही होती है, वहां पर भक्ति भाव में लीन श्रद्धालु ताली अवश्य बजाते हैं। प्रायः किसी उत्सव, जन्मदिन या संत समागम के दौरान भी हर्षोल्लास के साथ कर्तल ध्वनि पैदा की जाती है। किसी के उत्साहवर्धन के लिए भी लोग ताली का प्रयोग करते हैं।
तो आपने यह जाना कि आरती के समय बजायी जाने वाली ताली से न केवल हम देवी-देवता को प्रसन्न कर सकते हैं बल्कि अपनी सेहत को मजबूत भी बनाते हैं। हम आशा करते हैं कि धर्म-कर्म से जुड़े इस लेख के माध्यम से आपका ज्ञानवर्धन हुआ होगा। यदि आप इस संबंध अपनी टिप्पणी करना चाहते हैं तो नीचे कमेंट बॉक्स में आप लिख सकते हैं।
https://ift.tt/2DA3uB5 http://bit.ly/2pnaflz Bhaktisanskar.com – भक्ति और अध्यात्म का संगम भगवान की आरती करते समय क्यों बजाई जाती है ताली?
जब भी हम कुछ नया काम करने जाते हैं तो हमेशा हमारे अंदर थोड़ी nervousness (घबराहट) आती ही है जो कि एक नेचुरल चीज़ है , जैसे जब कोई स्टूडेंट अपना पहला इंटरव्यू देने जाता है, जब कोई टीचर पहली बार छात्रों को पढ़ाता है, जब कोई employee किसी सेमिनार में प्रेजेंटेशन देने जा रहा …
मार्गशीर्ष माह को हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे अगहन मास भी कहा जाता है यही कारण है कि मार्गशीर्ष अमावस्या को अगहन अमावस्या भी कहा जाता है। वैसे तो प्रत्येक अमावस्या का अपना खास महत्व होता है और अमावस्या तिथि स्नान-दान-तर्पण आदि के लिये जानी जाती है। लेकिन चूंकि मार्गशीर्ष माह के बारे में स्वयं श्री कृष्ण कहते हैं कि महीनों में वह मार्गशीर्ष हैं इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है। जिस गीता को हिंदूओं में जीवन का दर्शन माना जाता है उस गीता का ज्ञान मान्यतानुसार भगवान श्री कृष्ण ने इसी माह में दिया था। अत: इस माह की अमावस्या तिथि भी बहुत ही पुण्य फलदायी मानी जाती है।
अगहन अमावस्या व्रत महत्व – Importance of Margashirsha Amavasya Vrat
शास्त्रों में कहा गया है कि देवताओं से पहले अपने पूर्वज़ों पितरों को प्रसन्न करना चाहिये। अक्सर अपने पितरों को प्रसन्न करने के प्रयास करते भी हैं। लेकिन जिस प्रकार श्राद्ध पक्ष की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या मनाई जाती है उसी प्रकार अगहन अमावस्या यानि मार्गशीर्ष अमावस्या को व्रत रखने से भी पितर प्रसन्न किये जा सकते हैं। जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष हों, जिनकी कुंडली के योगों में संतान प्राप्ति के लक्षण ही न दिखाई देते हों, या फिर भाग्य स्थान में राहू नीच के हों इस प्रकार के पीड़ित योग वाले जातकों को इस अमावस्या का उपवास अवश्य करना चाहिये।
मान्यता है कि इसके रखने से उपासक को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। पौराणिक ग्रंथों में तो यहां तक कहा गया है कि इस अमावस्या के उपवास से न केवल पितृगण बल्कि ब्रह्मा, इंद्र, रूद्र, अश्विनीकुमार, सूर्य, अग्नि, पशु-पक्षियों सहित सब भूत-प्राणियों की तृप्ति होती है।
यदि आप भी महसूस करते हैं कि आपके बनते हुए काम अचानक से बिगड़ जाते हैं और सफलता से कुछ ही कदम पहले आप असफल हो जाते हैं तो हो सकता है आपके पितर आपसे नाराज़ हों। अपनी कुंडली के बारे में ज्योतिषाचार्यों से एक बार अवश्य परामर्श करें, मार्गदर्शन हो सकता है।
प्रत्येक अमावस्या की तिथि पर स्नान दान का बहुत अधिक महत्व माना जाता है। मार्गशीर्ष अमावस्या के अवसर पर भी यमुना नदी में स्नान करना विशेषकर पुण्य फलदायी माना जाता है। इस दिन व्रत रखने के साथ साथ श्री सत्यनारायाण भगवान की पूजा व कथा करनी चाहिये। मान्यता है कि जो विधि विधान से यह पूजा करता है उसके लिये यह उपवास अमोघ फलदायी होता है। व्रती को स्नाना आदि के पश्चात सामर्थ्य अनुसार दान-दक्षिणा अवश्य देनी चाहिये इससे उसके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।
मार्गशीर्ष अमावस्या 2018 में कब है? – Margashirsha Amavasya Kab Hai
मार्गशीर्ष अमावस्या जिसे अगहन अमावस्य भी कहते हैं। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार साल 2018 में यह तिथि 7 दिसंबर को शुक्रवार के दिन है।
मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि – 7 दिसंबर 2018
मार्गशीर्ष अमावस्या आरंभ – 12:12 बजे से (6 दिसंबर 2018) मार्गशीर्ष अमावस्या समाप्त – 12:50 बजे तक (7 दिसंबर 2018)
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Ratan Tata Best Motivational Speech in Hindi जीवन में केवल अच्छी शैक्षिक योग्यता या अच्छा कैरियर(Career) ही काफी नहीं है । आपका लक्ष्य होना चाहिए कि एक संतुलित और सफल जिंदगी जिया जाये । संतुलित जीवन का मतलब है आपका स्वास्थ्य (Health), लोगों से अच्छे सम्बन्ध और मन की शान्ति; सब कुछ अच्छा होना चाहिए …
बच्चों के लिए मोरल स्टोरी एक बार एक अध्यापक कक्षा में पढ़ा रहे थे अचानक ही उन्होंने बच्चों की एक छोटी सी परीक्षा लेने की सोची । अध्यापक ने सब बच्चों से कहा कि सब लोग अपने अपने नाम की एक पर्ची बनायें । सभी बच्चों ने तेजी से अपने अपने नाम की पर्चियाँ बना …
वर्ष 2018 में उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi Vrat) का व्रत 03 दिसंबर को है।एकादशी व्रत कथा व महत्व के बारे में तो सभी जानते हैं। हर मास की कृष्ण व शुक्ल पक्ष को मिलाकर दो एकादशियां आती हैं। यह भी सभी जानते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। लेकिन यह बहुत कम जानते हैं कि एकादशी एक देवी थी जिनका जन्म भगवान विष्णु से हुआ था। एकादशी मार्गशीर्ष मास की कृष्ण एकादशी को प्रकट हुई थी जिसके कारण इस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा। इसी दिन से एकादशी व्रत शुरु हुआ था। जो मनुष्य एकादशी को उपवास करता है, वह वैकुण्ठधाम में जाता है, जहाँ साक्षात् भगवान गरुड़ध्वज विराजमान रहते हैं ।
जो मानव हर समय एकादशी के माहात्मय का पाठ करता है, उसे हजार गौदान के पुण्य का फल प्राप्त होता है । जो दिन या रात में भक्तिपूर्वक इस माहात्म्य का श्रवण करते हैं, वे नि:संदेह ब्रह्महत्या आदि पापों से मुक्त हो जाते हैं । एकादशी के समान पापनाशक व्रत दूसरा कोई नहीं है । हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत अधिक महत्व माना जाता है इसलिये यह जानकारी होना जरूरी है कि एकादशी का जन्म कैसे और क्यों हुआ।
उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा | Utpanna Ekadashi Vrat Katha in Hindi
वैसे तो प्रत्येक वर्ष के बारह महीनों में 24 एकादशियां आती हैं लेकिन मलमास या कहें अधिकमास को मिलाकर इनकी संख्या 26 भी हो जाती है। सबसे पहली एकादशी मार्गशीर्ष कृष्ण एकादशी को माना जाता हैं। चूंकि इस दिन एकादशी प्रकट हुई थी इसलिये यह दिन उत्पन्ना एकादशी के नाम से जाना जाता है। एकादशी के जन्म लेने की कथा कुछ इस प्रकार है।
बात सतयुग की है कि चंद्रावती नगरी में ब्रह्मवंशज नाड़ी जंग राज्य किया करते थे। मुर नामक उनका एक पुत्र भी था। मुर बहुत ही बलशाली दैत्य था। उसने अपने पराक्रम के बल पर समस्त देवताओं का जीना मुहाल कर दिया। इंद्र आदि सब देवताओं को स्वर्गलोक से खदेड़कर वहां अपना अधिकार जमा लिया। कोई भी देवता उसके पराक्रम के आगे टिक नहीं पाता था। सब परेशान रहने लगे कि कैसे इस दैत्य से छुटकारा मिला। देवताओं पर जब भी विपदा आती तो वे सीधे भगवान शिव शंकर के पास पंहुचते। इस बार भी ऐसा ही हुआ। इंद्र के नेतृत्व में समस्त देवता कैलाश पर्वत पर भगवान शिव के पास पंहुची और अपनी व्यथा सुनाई।
भगवान शिव ने उनसे कहा कि भगवान विष्णु ही इस कार्य में उनकी सहायता कर सकते हैं। अब सभी देवता क्षीर सागर पंहुचे जहां श्री हरि विश्राम कर रहे थे। जैसे ही उनकी आंखे खुली तो देवताओं को सामने पाकर उनसे आने का कारण पूछा। देवताओं ने दैत्य मुर के अत्याचार की समस्त कहानी कह सुनाई। भगवान विष्णु ने उन्हें आश्वासन देकर भेज दिया। इसके बाद हजारों साल तक युद्ध मुर और श्री हरि के बीच युद्ध होता रहा लेकिन मुर की हार नहीं हुई। भगवान विष्णु को युद्ध के बीच में ही निद्रा आने लगी तो वे बद्रीकाश्रम में हेमवती नामक गुफा में शयन के लिये चले गये। उनके पिछे-पिछ मुर भी गुफा में चला आया। भगवान विष्णु को सोते हुए देखकर उन पर वार करने के लिये मुर ने जैसे ही हथियार उठाये श्री हरि से एक सुंदर कन्या प्रकट हुई जिसने मुर के साथ युद्ध किया।
सुंदरी के प्रहार से मुर मूर्छित हो गया जिसके बाद उसका सर धड़ से अलग कर दिया गया। इस प्रकार मुर का अंत हुआ जब भगवान विष्णु नींद से जागे तो सुंदरी को देखकर वे हैरान हो गये। जिस दिन वह प्रकट हुई वह दिन मार्गशीर्ष मास की एकादशी का दिन था इसलिये भगवान विष्णु ने इनका नाम एकादशी रखा और उससे वरदान मांगने की कही। तब एकादशी ने मांगा कि जब भी कोई मेरा उपवास करे तो उसके समस्त पापों का नाश हो। तब भगवान विष्णु ने एकादशी को वरदान दिया कि आज से प्रत्येक मास की एकादशी का जो भी उपवास रखेगा उसके समस्त पापों का नाश होगा और विष्णुलोक में स्थान मिलेगा। मुझे सब उपवासों में एकादशी का उपवास प्रिय होगा। तब से लेकर वर्तमान तक एकादशी व्रत का माहात्म्य बना हुआ है।
कब करें एकादशी उपवास की शुरुआत – Utpanna Ekadashi Upwas & Vrat
जो व्रती एकादशी के उपवास को नहीं रखते हैं और इस उपवास को लगातार रखने का मन बना रहे हैं तो उन्हें मार्गशीर्ष मास की कृष्ण एकादशी अर्थात उत्पन्ना एकादशी से इसका आरंभ करना चाहिये क्योंकि सर्वप्रथम हेमंत ऋतु में इसी एकादशी से इस व्रत का प्रारंभ हुआ माना जाता है। 2018 में उत्पन्ना एकादशी का व्रत 03 दिसंबर को है।
उत्पन्ना एकादशी व्रत व पूजा विधि – Utpanna Ekadashi Vrat & Puja Vidhi
एकादशी के व्रत की तैयारी दशमी तिथि को ही आरंभ हो जाती है। उपवास का आरंभ दशमी की रात्रि से ही आरंभ हो जाता है। इसमें दशमी तिथि को सायंकाल भोजन करने के पश्चात अच्छे से दातुन कुल्ला करना चाहिये ताकि अन्न का अंश मुंह में शेष न रहे। इसके बाद रात्रि को बिल्कुल भी भोजन न करें। अधिक बोलकर अपनी ऊर्जा को भी व्यर्थ न करें। रात्रि में ब्रह्मचर्य का पालन करें। एकादशी के दिन प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले व्रत का संकल्प करें। नित्य क्रियाओं से निपटने के बाद स्नानादि कर स्वच्छ हो लें। भगवान का पूजन करें, व्रत कथा सुनें। दिन भर व्रती को बुरे कर्म करने वाले पापी, दुष्ट व्यक्तियों की संगत से बचना चाहिये। रात्रि में भजन-कीर्तन करें। जाने-अंजाने हुई गलतियों के लिये भगवान श्री हरि से क्षमा मांगे। द्वादशी के दिन प्रात:काल ब्राह्मण या किसी गरीब को भोजन करवाकर उचित दान दक्षिणा देकर फिर अपने व्रत का पारण करना चाहिये। इस विधि से किया गया उपवास बहुत ही पुण्य फलदायी होता है।
पारण का समय – 07:02 से 09:06 बजे तक (4 दिसंबर 2018)
पारण के दिन द्वादशी तिथि समाप्त – 12:19 बजे (4 दिसंबर 2018)
एकादशी तिथि प्रारंभ – 14:00 बजे से (2 दिसंबर 2018))
एकादशी तिथि समाप्त – 12:59 बजे (3 दिसंबर 2018))
नोट: चूंकि हिंदू मान्यताओं के अनुसार तिथि सूर्योदय के पश्चात मानी जाती है इसलिये एकादशी तिथि का उपवास 3 दिसंबर को रखा जायेगा जिसका पारण 4 दिसंबर को होगा।
https://ift.tt/2DA3uB5 http://bit.ly/2pnaflz Bhaktisanskar.com – भक्ति और अध्यात्म का संगम उत्पन्ना एकादशी 2018 – जानिये उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा व पूजा विधि
Inspirational Story of Cobbler Son in Hindi (IIT 2010) कहा जाता है कि अगर इंसान में संघर्ष और कठिन मेहनत करने की क्षमता हो तो दुनिया में ऐसा कोई मुकाम नहीं है जिसे हासिल ना किया जा सके । कवि रामधारी सिंह दिनकर ने सही ही कहा है कि “मानव जब जोर लगाता है, पत्थर …
प्रेरक लघु कहानियां किसी दूर गाँव में एक पुजारी रहते थे जो हमेशा धर्म कर्म के कामों में लगे रहते थे । एक दिन किसी काम से गांव के बाहर जा रहे थे तो अचानक उनकी नज़र एक बड़े से पत्थर पे पड़ी । तभी उनके मन में विचार आया कि कितना विशाल पत्थर है? …
मार्गशीर्ष – जानिये मार्गशीर्ष मास के व्रत व त्यौहार
चैत्र जहां हिंदू वर्ष का प्रथम मास होता है तो फाल्गुन महीना वर्ष का अंतिम महीना होता है। महीने की गणना चंद्रमा की कलाओं के आधार पर की जाती है इसलिये हर मास को अमावस्या और पूर्णिमा की तिथियों तक कृष्ण और शुक्ल पक्ष में विभाजित किया गया है। पूर्णिमा के बाद की प्रथम तिथि से लेकर अमावस्या तक के काल को कृष्ण पक्ष कहा जाता है और अमावस्या के बाद प्रथम तिथि से लेकर पूर्णिमा तक शुक्ल पक्ष। पूर्णिमा को पूर्णिमा भी इसलिये कहा जाता है क्योंकि इस चंद्रमा के साथ-साथ मास भी पूर्ण हो जाता है।
जो पूर्णिमा जिस नक्षत्र में होती है उसी नक्षत्र के नाम पर उस महीने का नाम रखा गया है। अपने इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं हिंदू वर्ष के 9वें माह मार्गशीर्ष के बारे में। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 2018 में मार्गशीर्ष माह का आरंभ कार्तिक पूर्णिमा के पश्चात देश की राजधानी दिल्ली के समयानुसार 24 नवंबर को होगा जो कि 22 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा तक रहेगा।
मार्गशीर्ष की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र से युक्त होती है इसलिये इस माह को मार्गशीर्ष कहा जाता है। हालांकि इस महीने के मगसर, अगहन, अग्रहायण आदि नामों से भी जाना जाता है। वैसे तो भगवान श्री कृष्ण की पूजा और महिमा का महीना भाद्रपद अथवा भादों को माना जाता है लेकिन धार्मिक ग्रंथों में मार्गशीर्ष महीने को भी श्री कृष्ण का स्वरूप ही माना जाता है। इस महीने में स्नान दान का भी विशेष महत्व बताया जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने स्वंय इस माह की महत्ता को बताते हुए कहा था कि “मार्गशीर्ष मास में यमुना नदी में स्नान करने से मुझे सहज ही पाया जा सकता है।” ये तो हुआ महत्व अब आपको बताते हैं कौनसी तिथि व त्यौहार हैं इस महीने में खास।
मार्गशीर्ष मास के व्रत व त्यौहार
मार्गशीर्ष मास में बड़े स्तर पर मनाया जाने वाला कोई त्योहार तो नहीं आता लेकिन धार्मिक रूप से कुछ महत्वपूर्ण तिथियां इस माह में अवश्य पड़ती हैं जिनमें व्रत व पूजा करके पुण्य की प्राप्ति की जा सकती है। आइये जानते हैं इन तिथियों के बारे में।
उत्पन्ना एकादशी
मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता है। वर्ष 2018 में उत्पन्ना एकादशी का व्रत 3 दिसंबर को रखा जायेगा।
मार्गशीर्ष अमावस्या
मार्गशीर्ष अमावस्या को अगहन व दर्श अमावस्या भी कहा जाता है। धार्मिक रूप से इस अमावस्या का महत्व भी कार्तिक अमावस्या के समान ही फलदायी माना जाता है। इस दिन भी माता लक्ष्मी का पूजन शुभ माना जाता है। स्नान, दान व अन्य धार्मिक कार्यों के लिये भी यह दिन बहुत शुभ माना जाता है। दर्श अमावस्या को पूर्वजों के पूजन का दिन भी माना जाता है। वर्ष 2018 में मार्गशीर्ष अमावस्या का उपवास 7 दिसंबर को है।
विवाह पंचमी
अमावस्या के बाद शुरु होगा मार्गशीर्ष माह का शुक्ल पक्ष, इस पखवाड़े में जो पहली महत्वपूर्ण तिथि है वह है पंचमी तिथि। मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पंचमी को विवाह पंचमी भी कहा जाता है। माना जाता है प्रभु श्री राम का माता सीता से विवाह इसी दिन संपन्न हुआ था। इसलिये यह दिन मांगलिक कार्यों के लिये भी बहुत शुभ माना जाता है। यह 12 दिसंबर को है।
मोक्षदा एकादशी व गीता जयंती
मार्गशीर्ष मास की शुक्ल एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है यह एकादशी धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। मान्यता है कि इस एकादशी का उपवास रखने व्रती को मोक्ष मिलता है इसलिये इसका नाम भी मोक्षदा है। साथ ही यह भी मान्यता है हिंदूओं के महत्वपूर्ण धार्मिक ग्रंथ श्रीमद्भगवदगीता का आविर्भाव भी इसी दिन हुआ था। इसलिये इस दिन को गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। यह पवित्र तिथि 18 दिसंबर को है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा – दत्तात्रेय जयंती
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का भी धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है। इस दिन को दत्तात्रेय जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। दत्तात्रेय को भगवान विष्णु का ही अंश माना जाता है जिन्होंनें अत्री ऋषि की पत्नी देवी अनुसूया की कोख से जन्म लिया। 2018 में मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत और भगवान दत्तात्रेय जयंती का पर्व 22 दिसंबर को है।
कुल मिलाकर कह सकते हैं धार्मिक दृष्टि मार्गशीर्ष महीने का बहुत अधिक महत्व है इस माह में अपने पूर्वजों को याद करते हुए उनके प्रति आभार प्रकट करें और दान पुण्य करके धार्मिक कार्यों में बढ़चढ़ कर भाग लें। भगवान आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करें। यदि आपको लगता है कि तमाम प्रयासों के बाद भी आपकी मनोकामनाएं पूर्ण नहीं हो रही तो आप विद्वान ज्योतिषाचार्यों से परामर्श कर अपनी कुंडली के अनुसार शंकाओं का समाधान जान सकते हैं।
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अर्जुन द्वारा ब्रह्माण्ड और उसके विभिन्न लोको के बारे में पूछे गए प्रश्नो के उत्तर देवमुनि नारद जी ने बड़ी सरलता से देते हुवे समझाया की – कुरुश्रेष्ठ ! भूमि से लाख योजन ऊपर सूर्य मंडल है । भगवान् सूर्य के रथ का विस्तार नौ सहस्त्र योजन है । इसकी धुरी डेढ़ करोड़ साढ़े सात लाख योजन की है । वेद के जो सात छंद हैं वे ही सूर्य के रथ के सात अश्व हैं । उनके नाम सुनो – गायत्री, वृहती, उष्णिक, जगती, त्रिष्टुप, अनुष्टुप और षडंक्ति – ये छंद ही सूर्य के घोड़े बताये गए हैं । सदा विद्यमान रहने वाले सूर्य का न तो कभी अस्त होता है और न ही कभी उदय होता है । सूर्य का दिखाई देना ही उदय है और उनका द्रष्टि से ओझल होना ही अस्त है ।
उत्तरायण के प्रारंभ में सूर्य मकर राशि में जाते हैं उसके पश्चात वे कुम्भ और मीन राशियों में एक राशि से दूसरी राशि में होते हुए जाते हैं । इन तीनो राशियों के भोग लेने पर सूर्यदेव दिन और रात दोनों को बराबर करते हुए विषुवत रेखा पर पहुचते हैं । उसके बाद से प्रतिदिन रात्रि घटने लगती है और दिन बढ़ने लगता है । फिर मेष तथा वृष राशि का अतिक्रमण करके मिथुन के अंत में उत्तरायण की अंतिम सीमा पर उपस्थित होते हैं और कर्क राशी में पहुच कर दक्षिणायन का आरम्भ करते हैं ।
जैसे कुम्हार के चाक के सिरे बैठा हुआ जीव बड़ी शीघ्रता से घूमता है उसी प्रकार सूर्य भी दक्षिणायन को पार करने में शीघ्रता से चलते हैं । वे वायु वेग से चलते हुए, अत्यंत वेगवान होने के कारण बहुत दूर की भूमि भी थोड़े ही देर में पार कर लेते हैं और इसका उल्टा उत्तरायण में होता है जिसमें सूर्य मंद गति से चलते हैं ।संध्या काल आने पर मन्देह नामक राक्षस भगवान् सूर्य को खा जाने की इच्छा करते हैं ।
उन राक्षसों को प्रजापति से ये श्राप है की उनका शरीर तो अक्षय रहेगा किन्तु उनकी मृत्यु प्रतिदिन होगी । अतः संध्याकाळ में उन राक्षसों के साथ सूर्य के साथ बड़ा भयानक युद्ध होता है । उस समय द्विज लोग गायत्री मन्त्र से पवित्र किये जल का अर्ध्य देते हैं जिस से वो पापी राक्षस जल जाते हैं । इसीलिए सदा संध्योपासना करनी चाहिए । धाता, अर्यमा, मित्र, वरुण, विवस्वान, इंद्र, पूषा, सविता, भग, स्वष्टा तथा विष्णु ये बारह आदित्य चैत्र आदि मासों में सूर्य मंडल के अधिकारी माने गए हैं।
सूर्य के स्थान से लाख योजन दूर चन्द्रमा का मंडल स्थित है, चन्द्रमा का रथ भी तीन पहियों वाला वताया गया है । उसमें बाई और दाहिनी ओर कुंद के समान श्वेत दस घोड़े जुते होते हैं । चंद्रमा से पूरे एक लाख योजन ऊपर सम्पूर्ण नक्षत्र मंडल प्रकाशित होता है । नक्षत्रों की संख्या अस्सी समुन्द्र चौदह अरब और बीस करोड़ बताई गयी है ।
नक्षत्र मंडल से दो लाख योजन ऊपर बुध का स्थान है । चन्द्र नंदन बुध का रथ वायु तथा अग्नि द्रव्य से बना हुआ है, उनके रथों में भी आठ घोड़े जुते हुए हैं । बुध से भी दो लाख योजन ऊपर शुक्राचार्य का स्थान माना गया है । शुक्र से लाख योजन ऊपर मंगल का स्थान माना गया है । मंगल से दो लाख योजन ऊपर देव पुरोहित बृहस्पति का स्थान माना गया है ।
बृहस्पति से दो लाख योजन ऊपर शनैश्चर का स्थान है। राहु के रथ में भ्रमर के समान रंग वाले आठ घोड़े हैं, वे ही बार में जोत दिए गए हैं और सदा उनके धूसर रथ को खींचते रहते हैं । उनकी स्तिथि सूर्यलोक से नीचे मानी गयी है। शनैश्चर से एक लाख योजन ऊपर सप्तर्षि मंडल है और उनसे भी लाख योजन ऊपर ध्रुव की स्तिथि है । ध्रुव समस्त ज्योति मंडल के केंद्र हैं । अर्जुन ! यह सारा ज्योतिर्मंडल वायु रूपी डोर से ध्रुव से बंधा हुआ है ।
सूर्यमंडल का विस्तार नौ हजार योजन है, उनसे दूना चंद्रमा का मंडल बताया गया है । मंडलाकार राहु इन दोनों के बराबर होकर पृथ्वी की निर्मल छाया ग्रहण करके उनके नीचे चलता है । शुक्राचार्य का मंडल चन्द्रमा के सोलहवें भाग के बराबर है । बृहस्पति मंडल का विस्तार शुक्राचार्य से एक चौथाई कम है । इसी प्रकार मंगल, शनैश्चर और बुध – ये बृहस्पति की अपेक्षा भी एक चौथाई कम है। इसी प्रकार मंगल, शनैश्चर और बुध – ये बृहस्पति की अपेक्षा भी एक चौथाई कम है ।
पृथ्वी पर स्थित सभी लोक जहाँ पैदल जाया जा सकता है, भूलोक कहलाता है । भूमि और सूर्य के बीच जो चौदह लाख योजन का अवकाश है, उसे विज्ञ पुरुष स्वर्गलोक कहते हैं । ध्रुव से ऊपर एक करोड़ योजन तक महर्लोक बताया गया है । उस से ऊपर २ करोड़ योजन तक जनलोक है, जहाँ सनकादि निवास करते हैं । उस से ऊपर चार करोड़ योजन तक तपोलोक माना गया है, जहाँ वैराज नाम वाले देवता संताप रहित हो कर निवास करते हैं । तपोलोक से ऊपर उसकी अपेक्षा छः गुने विस्तार वाले सत्यलोक विराजमान हैं । जहाँ के लोगों की पुनर्मृत्यु नहीं होती । सत्यलोक ही ब्रह्मलोक माना गया है।
भूलोक, भुवर्लोक और स्वर्गलोक – इन तीनों को त्रैलोक्य कहते हैं । यह त्रैलोक्य (अनित्य) लोक हैं । जनलोक, तपोलोक तथा सत्यलोक – ये तीनों नित्य लोक है । नित्य और अनित्य लोकों के बीच में महर्लोक की स्थिति मानी गयी है । ये पुन्यकर्मों द्वारा प्राप्त होने वाले सात लोक बताये गए हैं।
अर्जुन ! वायु की सात शाखाएं हैं, उनकी स्थिति जिस प्रकार है, वह बतलाता हूँ, सुनो – प्रथ्वी को लांघ कर मेघमंडलपर्यन्त जो वायु स्थित है, उसका नाम ‘प्रवाह’ है । वह अत्यंत शक्तिमान है और वही बादलों को इधर उधर उड़ाकर ले जाती है । धूप तथा गर्मी से उत्पन्न होने वाले मेघों को यह प्रवाह वायु ही समुद्र जल से परिपूर्ण करती है, जिस से ये मेघ कलि घटा के रूप में परिणत हो जाते हैं और अतिशय वर्षा करने वाले होते हैं । वायु की दूसरी शाखा का नाम ‘आवह’ है, जो सूर्यमंडल में बंधी हुई है ।
उसी के द्वारा ध्रुव से आबद्ध हो कर सूर्यमंडल घुमाया जाता है । तीसरी शाखा का नाम ‘उद्वह’ है जो चन्द्रलोक में प्रतिष्ठित है । इसी के द्वारा ध्रुव से सम्बद्ध होकर यह चन्द्र मंडल घुमाया जाता है । चौथी शाखा का नाम ‘संवह’ है, जो नक्षत्रमंडल में स्थित है । उसी से ध्रुव से आबद्ध होकर सम्पूर्ण नक्षत्रमंडल घूमता रहता है । पांचवी शाखा का नाम ‘विवह’ है और यह ग्रहमंडल में स्थित है । उसकी के द्वारा यह गृह चक्र ध्रुव से सम्बद्ध हो कर घूमता रहता है ।
वायु की छठी शाखा का नाम ‘परिवह’ है, जो सप्तर्षिमंडल में स्थित है । इसी के द्वारा ध्रुव से सम्बद्ध हो सप्तर्षि आकाश में भ्रमण करते हैं । वायु के सातवें स्कन्ध का नाम ‘परावह’ है जो ध्रुव में आबद्ध है । इसी के द्वारा ध्रुव चक्र तथा अन्यान्य मंडल एक स्थान पर स्थापित रहते हैं । अब पाताल का वर्णन सुनो । भूमि की ऊंचाई सत्तर हजार योजन है ।
इसके भीतर सात पाताल हैं, जो एक दूसरे से दस दस हजार योजन की दूरी पर हैं । उनके नाम इस प्रकार हैं – अतल, वितल, नितल, रसातल, तलातल, सुतल तथा पाताल । कुरुनन्दन ! वहां की भूमियाँ सुन्दर महलों से सुशोभित हैं । उन पातालों में दानव, दैत्य और नाग सैंकड़ों संघ बनाकर रहते हैं । वहां पर न गर्मी है, न सर्दी है, न वर्षा है, न कोई कष्ट । सातवें पाताल में ‘हाटकेश्वर’ शिवलिंग है, जिसकी स्थापना ब्रह्मा जी के द्वारा हुई थी । वहां अनेकानेक नागराज उस शिवलिंग की आराधना करते हैं । पाताल के नीचे बहुत अधिक जल है और उस के नीचे नरकों की स्थिति बताई है ।
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वर्ष 2019 के राशिफल के अनुसार इस साल नौकरी और बिजनेस में आपको मिले-जुले परिणाम मिलेंगे। आप अपनी मेहनत और प्रयासों से उन्नति करेंगे। यदि नौकरी पेशा हैं तो इस वर्ष आपकी पदोन्नति की संभावना है। करियर को आगे ले जाने में भाग्य आपका साथ देगा। लेकिन आर्थिक स्थिति में उतार-चढ़ाव की परिस्थितियाँ नज़र आएंगी।
अपनी लव लाइफ में आपको थोड़ा सचेत करने की जरुरत है क्यों की जहा प्रेम भाव आता है वह अहम भाव की कतई जरुरत नहीं, यानि की अपने पार्टनर के साथ बिलकुल भी अपने ईगो नहीं पाले, अन्यथा आपको पछतावा हो सकता है। एक-दूसरे पर भरोसा रखें और इस भरोसे को टूटने न दें। पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। घर में सुख-शांति और समृद्धि आएगी।
घर में मांगलिक कार्य होने के योग है। घर में सदस्यों की संख्या में वृद्धि भी होगी। माता जी को सेहत का लाभ मिलेगा और भाई-बहनों को इस वर्ष करियर और शिक्षा में कामयाबी मिलेगी। उनके विदेशगमन के भी योग हैं। जनवरी-फ़रवरी में वैवाहिक जीवन के लिए परिस्थितियाँ और भी अनुकूल होंगी। इस समय आप जीवनसाथी की भावनाओं की कद्र करेंगे। आप दोनों के बीच तालमेल बनेगा। हालाँकि इस बीच प्यार वाली नोकझोक भी देखने को मिलेगी। परन्तु एक यादगार ट्रिप और हनीमून आपको हसीं पल जरूर देंगे |
इस वर्ष अप्रेल तक आपको संतान प्राप्ति से संबंधित ख़ुशख़बरी मिलने की संभावना रहेगी। अप्रैल-मई और अगस्त-सितंबर में शिक्षा के लिए परिस्थितियां बेहतर रहेंगी। अगर आप छात्र है तो कड़ी मेहनत करेंगे। सिंतबर में आपको प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिल सकती है।
मेष राशिफल 2019 – Mesh Rashi 2019
साल 2019 की शुरुआत में शनि – धनु राशि, गुरु – वृश्चिक राशि और राहु 6 मार्च, 2019 को मिथुन राशि में रहेगा। वहीं केतु धनु राशि, गुरु राशि परिवर्तन कर 30 मार्च को धनु राशि और फिर 25 अप्रैल को वृश्चिक राशि में गोचर कर 5 नवंबर को वापिस धनु राशि में गोचर करेगा। ये 10 अप्रैल को वक्री होकर 11 अगस्त को मार्गी होगा। शनि 30 अप्रैल को वक्री होकर 18 सितंबर को मार्गी होगा।
मेष राशिफल 2019 के अनुसार पारिवारिक जीवन – Family
इस साल आपके पारिवारिक जीवन में परेशानियां आ सकती हैं। गुरु वक्री होकर मार्गी होगा जिस वजह से आपके लिए मुसीबतें खड़ी होंगीं। आपको दूसरों के साथ तालमेल बनाकर चलने की जरूरत है। 6 मार्च से परिवार के किसी बड़े सदस्य के साथ आपकी अनबन हो सकती है। नवंबर के बाद पारिवारिक जीवन सामान्य हो पाएगा।
मेष राशिफल 2019 के अनुसार वैवाहिक जीवन -Marriage Life
वैवाहिक जीवन बेहतर रहेगा। थोड़ी-बहुत परेशानियां आ सकती हैं लेकिन ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। जीवनसाथी का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। अपने पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा। दोनों के बीच आपसी समझ बढ़ेगी। फैमिली प्लानिंग के बारे में भी सोच सकते हैं।
मेष राशिफल 2019 के अनुसार सेहत – Health
जांघों, पैर, और जोड़ों एवं कंधों में दर्द की शिकायत हो सकती है। आपके ऊपर कोई काला जादू कर सकता है। वजन भी बढ़ने की संभावना है।
मेष राशिफल 2019 के अनुसार करियर – Carrier
मार्च तक आपके करियर में परेशानियां आ सकती हैं। ग्रहों की अनुकूल दशा के कारण आपको प्रगति मिलेगी लेकिन मार्च के बाद सब कुछ ठीक नहीं रहेगा। करियर में उतार-चढ़ाव आते रहेंगें। आप प्रयास कुछ करेंगें और आपको उसका फल कुछ और ही मिलेगा। नौकरी बदलने के लिए ये साल ठीक नहीं है। अगले साल आपको कई अच्छे अवसर मिल सकते हैं।
मेष राशिफल 2019 के अनुसार व्यापार – Business
मार्च तक व्यापार बढिया रहेगा। मार्च के बाद आपको थोड़ी-बहुत परेशानी आ सकती है और आपको असफलता का सामना भी करना पड़ सकता है। अधिकतर समय व्यापार में मुनाफा होगा और आपको नए क्लाइंट मिलेंगें। बड़ा हो या छोटा व्यापार, आपको लाभ होगा।
मेष राशिफल 2019 के अनुसार आर्थिक स्थिति – Financial Condition
आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। ज्यादा कुछ खास नहीं लेकिन मार्च के बाद आपको निवेश को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं। निवेश किए गए पैसे में लाभ मिलने की संभावना है।
मेष राशिफल 2019 के अनुसार रोमांस – Love Life
इस साल आपकी लव लाइफ सामान्य रहने वाली है। संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। प्रेम संबंधों में मानसिक संतुष्टि का अहसास होगा। इस साल किसी अन्य धर्म के व्यक्ति से आपको प्यार हो सकता है।
मेष राशिफल 2019 उपाय – Remedies For Aries in 2019
वर्ष 2019 में आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए, इन उपायों को करने से आपको विभिन्न प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और आप अपने मनचाहे परिणामों को आसानी से प्राप्त कर पाएंगे:
मंगलवार के दिन किसी पार्क अथवा मंदिर में अनार का पेड़ लगाएँ और समय-समय पर उसे जल देकर सिंचित करें।
बृहस्पतिवार का व्रत रखें और दिन में केवल एक ही बार पीले रंग का मीठा भोजन करके व्रत खोलें।
शनिवार के दिन चींटियों को आटा डालें और किसी शनि मंदिर में जाकर सरसों के तेल और साबुत काली उड़द की दाल का दान करें।
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वृषभ राशिफल 2019 – Vrishabh Rashifal 2019 in Hindi
वृषभ राशिफल 2019 के अनुसार इस साल करियर के क्षेत्र में आपको काफी संघर्ष करना पड़ सकता है। अच्छे नतीजे चाहिए तो आपको कड़ी मेहनत करनी होगी। आपके आर्थिक जीवन की दृष्टि से यह साल धन संबंधी मामलों के लिहाज से सामान्य से बेहतर रहेगा। हालांकि खर्च बढ़ने के भी योग है । परन्तु निराश न हो इस साल आमदनी में बढ़ोत्तरी के योग भी बन रहे हैं। वर्ष के पहले 6 महीनों में आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
रही बात आपकी लव लाइफ की तो आपका प्रेम जीवन मिलाजुला रहेगा। साल की शुरुआत कोई विशेष परिवर्तन तो नहीं होगा परन्तु इस समय प्रेमसाथी के साथ किसी बात को लेकर अनबन भी हो सकती है। मामले को ज़्यादा तूल न दें और परिस्थिति को क़ाबू करने की कोशिश करें। आप अपनी फ़ैमिली लाइफ़ से संतुष्ट दिखेंगे क्योकि घर के परिजनों में प्रेम का भाव और एकजुटता बनी रहेगी ।
मार्च में आप नए घर का निर्माण करवा सकते हैं अथवा नया घर ख़रीद सकते हैं। वहीं अप्रैल व मई माह में आप अपने परिजनों के साथ विदेश भी जा सकते हैं। आपका वैवाहिक जीवन मधुर रहेगा। थोड़ा बहुत ईगो इश्यूज हो सकते है परन्तु आपकी समझदारी से काम लेने पर सब अच्छा होगा। अच्छे कार्यों में जीवनसाथी का सदैव समर्थन मिलेगा।
स्टूडेंट्स के लिए यह साल शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर साबित हो सकता है। परीक्षा का परिणाम आपके आशा के अनुरूप आएगा हालाँकि इसके लिए आपको मेहनत भी करनी होगी। पढ़ाई के प्रति आपका पूरा फ़ोकस रहेगा। परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए आप जमकर मेहनत करेंगे।
वृषभ राशिफल 2019 – Vrishabh Rashi 2019
साल 2019 की शुरुआत में शनि – धनु राशि, गुरु – वृश्चिक राशि और राहु 6 मार्च, 2019 को मिथुन राशि में रहेगा। वहीं केतु धनु राशि, गुरु राशि परिवर्तन कर 30 मार्च को धनु राशि और फिर 25 अप्रैल को वृश्चिक राशि में गोचर कर 5 नवंबर को वापिस धनु राशि में गोचर करेगा। ये 10 अप्रैल को वक्री होकर 11 अगस्त को मार्गी होगा। शनि 30 अप्रैल को वक्री होकर 18 सितंबर को मार्गी होगा।
वृषभ राशिफल 2019 के अनुसार पारिवारिक जीवन – Family
मार्च तक पारिवारिक जीवन सामान्य रहेगा। इसके बाद राहु के राशि परिवर्तन करने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं। तनाव बढ़ेगा। आपका स्वभाव थोड़ा चिड़चिड़ा हो जाएगा। अपनी गलतियों का जिम्मेदार दूसरों को ठहरा सकते हैं। परिवार में किसी सदस्य के साथ गंभीर मतभेद होने की प्रबल संभावना है।
वृषभ राशिफल 2019 के अनुसार वैवाहिक जीवन – Marriage Life
सातवें भाव में पापकतरी योग बन रहा है। मार्च तक आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है लेकिन उसके बाद आपके लिए परिस्थिति खराब होती जाएगी। छोटी-छोटी बातों पर भी गलतफहमियां होने लगेंगीं। 6 मार्च से 25 अप्रैल के बीच संबंध और ज्यादा खराब हो जाएंगें। चिंता ना करें, समय रहते सब ठीक हो जाएगा।
वृषभ राशिफल 2019 के अनुसार सेहत – Health
त्वचा विकार होने की संभावना है। फूड प्वाइज़निंग से बचकर रहें। ब्लड शुगर और कार्डिएक की परेशानी हो सकती है।
वृषभ राशिफल 2019 के अनुसार करियर – Carrier
करियर के लिहाज़ से ये साल अच्छा नहीं है। आपकी सभी उम्मीदें धरी रह जाएंगीं। सही काम करने पर भी उसका श्रेय नहीं मिल पाएगा। इस साल नौकरी में परिवर्तन के बारे में बिलकुल ना सोचें। अपने दोस्तों के साथ समय बिताएं और धैर्य रखें। राहु की दशा से गुज़र रहे जातकों को हर क्षेत्र में तरक्की मिलेगी।
वृषभ राशिफल 2019 के अनुसार व्यापार – Business
मंगल, राहू की दशा से गुज़र रहे लोगों के लिए बहुत अच्छा समय है। हर काम के आखिरी मिनट पर कोई ना कोई परेशानी आ जाएगी जिसकी वजह से आप परेशान रहेंगें। बिजनेस पार्टनर के साथ तालमेल बनाने में दिक्कत आ सकती है। धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।
वृषभ राशिफल 2019 के अनुसार आर्थिक स्थिति – Financial Condition
इस साल आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहने वाली है। समय पर सब कुछ संभालने में कामयाब रहेंगें। आपके पास जो कुछ भी है उसे बचाने या सुरक्षित रखने पर ध्यान दें। इस साल यही आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।
वृषभ राशिफल 2019 के अनुसार रोमांस – Love & Romance
इस साल कोई नया रिश्ता बन सकता है। चोरी-छिपे किसी के प्यार में पड़ सकते हैं। विवाहित लोगों में ऐसी संभावना ज्यादा है। वैवाहिक जीवन के बाहर किसी अन्य व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बना सकते हैं।
वृषभ राशिफल 2019 उपाय – Remedies For Taurus 2019
वर्ष 2019 में आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए, इन उपायों को करने से आपको विभिन्न प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और आप अपने मनचाहे परिणामों को आसानी से प्राप्त कर पाएंगे –
महाराज दशरथ कृत नील शनि स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करें और शनि देव की आराधना करें।
स्फ़टिक की माला द्वारा मां महालक्ष्मी के किसी मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें।
बृहस्पतिवार के दिन चने की दाल और हल्दी का दान करें तथा किसी ब्राह्मण को यथाशक्ति भोजन कराएं।
किसी भी तरह के गलत या रोमांचक कार्य से दूर रहें वरना आपको पछताना पड़ सकता है।
हनुमान चालीसा का पाठ करें और सकारात्मक रहें।
रोज़ राम मंदिर जाएं और प्रार्थना करें।
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मिथुन राशिफल 2019 के अनुसार इस साल करियर में कामयाबी पाने के लिए कड़ी मेहनत के साथ साथ नये विचारों के साथ आगे बढ़ना होगा। अपने सीनियर अधिकारियों की सलाह आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। अगर बात करे आर्थिक मोर्चे की तो इस साल आप को कोई बड़ी उपलब्धि हासिल हो सकती है। आप धन अर्जित और संचय करने में सफल रहेंगे। कामकाज के सिलसिले में कुछ यात्राएं करनी पड़ सकती हैं। इन यात्राओं से आपको लाभ होने की संभावना है।
लव लाइफ के हिसाब से ये वर्ष आपके प्रेम जीवन के लिए ख़ास रहेगा। आप अपने लव पार्टनर के साथ समय का आनंद लेंगे। कई बार आप अपने प्रेम जीवन को लेकर बहुत ही ख़ुशनुमा महसूस करेंगे। साल के प्रारंभ में आप ऐसे मौक़े की तलाश में रहेंगे जिसमें प्रियतम के साथ बैठकर उनसे दिल की कहे सकें।
इस साल मिथुन राशि के जातकों का पारिवारिक जीवन सामान्य से थोड़ा बेहतर रहेगा। हालांकि परिवार में उतार-चढ़ाव भरी परिस्थितियाँ भी आएंगी जिनका आपको सामना करना पड़ेगा, परंतु ज़्यादातर मौक़ो में घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहेगा। साल की शुरुआत की बात करें तो जनवरी और फ़रवरी का समय परिवार के लिए कमज़ोर रह सकता है। छात्रों को परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त होंगे। पढ़ाई में सफलता के लिए आपका दृढ़ निश्चय बना रहेगा। पढ़ाई में आपकी मेहनत और लगन आपके भविष्य का रास्ता तय करेगी। इस वर्ष मानसिक रूप से आप परिपक्व रहेंगे।
मिथुन राशिफल 2019 – Mithun Rashi 2019
साल 2019 की शुरुआत में शनि – धनु राशि, गुरु – वृश्चिक राशि और राहु 6 मार्च, 2019 को मिथुन राशि में रहेगा। वहीं केतु धनु राशि, गुरु राशि परिवर्तन कर 30 मार्च को धनु राशि और फिर 25 अप्रैल को वृश्चिक राशि में गोचर कर 5 नवंबर को वापिस धनु राशि में गोचर करेगा। ये 10 अप्रैल को वक्री होकर 11 अगस्त को मार्गी होगा। शनि 30 अप्रैल को वक्री होकर 18 सितंबर को मार्गी होगा।
मिथुन राशिफल 2019 के अनुसार पारिवारिक जीवन – Family
मार्च तक आपके जीवन में समस्याएं बनी रहेंगीं लेकिन इसके बाद निजी जीवन में थोड़ी स्थिरता आ सकती है। परिवार के साथ मिले-जुले संबंध रहेंगें। मार्च के बाद पारिवारिक संबंधों में आपसी समझ बढ़ेगी। परिवार में आपका सम्मान बढ़ेगा और आपको मदद मिलेगी।
मिथुन राशिफल 2019 के अनुसार वैवाहिक जीवन – Marriage Life
आपके सातवें भाव में शुक्र के नक्षत्र में शनि बैठा होगा जोकि आपके लिए शुभ संकेत है। जीवनसाथी के साथ संबंधों में मधुरता आएगी। इस साल आपको जुड़वा संतान भी हो सकती है। वैवाहिक जीवन बेहतर रहेगा इसलिए आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। केतु की दशा से गुज़र रहे जातकों को परेशानी हो सकती है क्योंकि ये आपके सप्तम भाव को देख रहा है।
मिथुन राशिफल 2019 के अनुसार सेहत – Health
शरीर में कमज़ोरी की वजह से कोई बड़ी समस्या हो सकती है। खानपान से संबंधित या यौन रोग होने की संभावना है। कुल मिलाकर सेहत के लिए अच्छा साल नहीं रहेगा।
मिथुन राशिफल 2019 के अनुसार करियर – Carrier
राहु, केतु और शु्क्र की दशा से गुज़र रहे जातकों के अलावा बाकी लोग अपने करियर में बेहतर प्रदर्शन दे पाएंगें। बेहतर नौकरी मिलने की भी संभावना है। प्रमोशन मिल सकती है। अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए मेहनत करेंगें। प्रतिस्पर्धा बढ़ सकती है लेकिन आपको आगे बढ़ते जाना है।
मिथुन राशिफल 2019 के अनुसार व्यापार – Business
मिथुन राशि के लोगों का व्यापार बढिया रहने वाला है। मुनाफा होगा। ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। किसी नए शहर में पार्टनरशिप में अपने बिजनेस कर सकते हैं। अपने प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ देंगें। मार्च के बाद से सावधान रहें क्योंकि आपके प्रतिद्वंदी इस समय आपको परेशान कर सकते हैं।
मिथुन राशिफल 2019 के अनुसार आर्थिक स्थिति – Financial Condition
मार्च के बाद से आप थोड़ी बचत कर पाएंगें जिससे आपका बैंक बैलेंस थोड़ा बढ़ेगा। किसी लंबे निवेश में हाथ डाल सकते हैं लेकिन इससे पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर कर लें। आपको महीनों नहीं बल्कि सालों के बाद ही अपने निवेश से फायदा होगा।
मिथुन राशिफल 2019 के अनुसार रोमांस – Love & Romance
30 मार्च के बाद आपकी लव लाइफ के लिए अच्छा समय है। गुरु के वक्री होने पर आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है लेकिन ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। इस साल आपकी लव लाइफ में काफी कुछ अच्छा होने वाला है।
मिथुन राशिफल 2019 उपाय – Remedies For Gemini 2019
वर्ष 2019 में आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए, इन उपायों को करने से आपको विभिन्न प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और आप अपने मनचाहे परिणामों को आसानी से प्राप्त कर पाएंगे:
आपको किसी उपाय की जरूरत नहीं है लेकिन अगर आप शनि या राहु-केतु की दशा से गुज़र रहे हैं तो रोज़ हनुमान जी की पूजा करें। हर मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाएं। हमेशा अपनी जेब में सफेद त्रिकोण रूमाल रखें। अन्यथा –
नियमित रूप से श्री विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करें और भगवान विष्णु की पूजा करें।
गौ माता को हरा चारा और हरी सब्ज़ियाँ खिलाएं तथा किसी गौशाला में यथाशक्ति दान करें।
अपनी बहन, मौसी अथवा बुआ को हरे रंग की साड़ी तथा हरे रंग की चूड़ियां बुधवार के दिन भेंट करें।
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कर्क राशिफल २०१९ के अनुसार नौकरी पेशा जातकों को इस साल प्रमोशन की सौगात मिल सकती है, साथ ही नौकरी व व्यवसाय दोनों में किसी शुभ समाचार की प्राप्ति हो सकती है। इस साल आप किसी नये व्यवसाय की शुरुआत कर सकते हैं या आप अपने बिजनेस का विस्तार कर सकते हैं। इस वर्ष आपका आर्थिक पक्ष भी बेहद मजबूत रहने वाला है। क्योंकि धन लाभ के कई योग बन रहे हैं। आय बढ़ने और धन लाभ होने से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। फरवरी से मार्च के शुरुआती सप्ताह तक धन व पूंजी निवेश संबंधित योजनाएं सावधानी से बनाएं।
वहीं बात करें अगर आपकी लव लाइफ और मैरिड लाइफ की, तो इस साल आपको प्रेम जीवन और वैवाहिक जीवन दोनों में आनंद की प्राप्ति होगी। प्रेमी युगल एक कदम आगे बढ़कर अपने रिश्तों को नई मजबूती देंगे। आपके और प्रियतम के बीच प्यार बढ़ेगा। सितारों की चाल कहती है कि जनवरी, फरवरी, नवंबर और दिसंबर का समय प्रेम प्रसंगों के मामलों के लिए शानदार रहने वाला है। वहीं पारिवारिक जीवन में भी साल 2019 में शांति और सद्भाव बना रहेगा। माता-पिता प्रसन्न रहेंगे और उनके आशीर्वाद से घर में सुख-समृद्धि आएगी। इस वर्ष आप अपने मकान का सौंदर्यीकरण का कार्य भी करवा सकते हैं।
वहीं इस साल आपके घर में कोई मांगलिक कार्य भी संपन्न हो सकता है। इस साल कुछ ऐसे पल भी आएंगे जब काम की व्यस्तता की वजह से आप परिवार को ज्यादा समय नहीं दे पाएंगे। वे जातक जो पढ़ाई कर रहे हैं उन्हें 2019 में अपार सफलता मिलने की संभावना है। अगस्त से सितंबर का महीना छात्रों के लिए शानदार साबित होगा। इस अवधि में आपको कोई शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। वे जातक जो प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उन्हें इस अवधि में कोई सफलता हाथ लग सकती है।
कर्क राशिफल 2019 – Kark Rashi 2019
साल 2019 की शुरुआत में शनि – धनु राशि, गुरु – वृश्चिक राशि और राहु 6 मार्च, 2019 को मिथुन राशि में रहेगा। वहीं केतु धनु राशि, गुरु राशि परिवर्तन कर 30 मार्च को धनु राशि और फिर 25 अप्रैल को वृश्चिक राशि में गोचर कर 5 नवंबर को वापिस धनु राशि में गोचर करेगा। ये 10 अप्रैल को वक्री होकर 11 अगस्त को मार्गी होगा। शनि 30 अप्रैल को वक्री होकर 18 सितंबर को मार्गी होगा।
कर्क राशिफल 2019 के अनुसार पारिवारिक जीवन – Family
इस साल आपका पारिवारिक जीवन सामान्य रहेगा। रोज़मर्रा का जीवन सामान्य रूप से चलता रहेगा। परिवार के सदस्यों के बीच बेहतर तालमेल बनेगा। सूर्य के राहु या केतु के अक्षांक्ष में आने पर मतभेद हो सकते हैं और मानसिक तनाव भी रहेगा। इसके अलावा आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।
कर्क राशिफल 2019 के अनुसार वैवाहिक जीवन – Marriage Life
आपके वैवाहिक जीवन के लिए ये पूरा साल खराब रहेगा और मार्च के बाद तो परिस्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाएगी। आपके वैवाहिक के लिए ये समय थोड़ा मुश्किल हो सकता है। रिश्ते में गलतफहमी, शक आ सकता है। ऐसा हो सकता है कि आप अपने पार्टनर पर शक करने लगें। इस समय महिलाओं का गर्भपात भी हो सकता है या आप अबॉर्शन करवाने के बारे में सोच सकती हैं। ससुराल पक्ष से मतभेद हो सकते हैं।
कर्क राशिफल 2019 के अनुसार सेहत – Health
इंसोमनिया, रक्त विकार, हार्मोनल असंतुलन, अपच, और फूड प्वाइज़निंग जैसी समस्याओं की वजह से आप परेशान रह सकते हैं। त्वचा विकार होने की भी संभावना है।
कर्क राशिफल 2019 के अनुसार करियर – Carrier
समय के साथ आपको अपने करियर में तरक्की मिलती जाएगी। आपको बेहतर अवसर मिल पाएंगें और आप प्रगति करेंगें। अच्छी नौकरी मिल सकती है या नौकरी में परिवर्तन के योग भी बने हुए हैं। नौकरी में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगें और दूसरे आपसे ईर्ष्या करेंगें। नौकरी के लिए कहीं दूर यात्रा पर जाना पड़ सकता है। करियर के लिए अच्छा समय है।
कर्क राशिफल 2019 के अनुसार व्यापार – Business
व्यापारियों को इस साल कोई भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। किसी गलत प्रोजेक्ट में निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं। बिजनेस में किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचें और सावधान रहें। पार्टनरशिप में काम करते हैं तो इस साल आपके रिश्ते बिगड़ सकते हैं। आपका पार्टनर आपके खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाई कर सकता है।
कर्क राशिफल 2019 के अनुसार आर्थिक स्थिति – Financial Condition
गुरु के स्वराशि धनु में आने पर आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना है। आपका बैंक बैलेंस बढ़ सकता है। पैसा कमाने के साथ-साथ बचत भी कर पाएंगें। किसी को पैसे उधार ना दें वरना मुश्किल में पड़ सकते हैं। किसी गलत इंसान पर भरोसा करने की वजह से आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है।
कर्क राशिफल 2019 के अनुसार रोमांस – Love & Romance
रोमांस के मामले में ये साल आपके लिए बहुत अच्छा रहने वाला है। थोड़ी-बहुत परेशानियां आएंगीं लेकिन आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। नए रिश्ते बन सकते हैं और पुराने रिश्ते मजबूत होंगें।
कर्क राशिफल 2019 उपाय – Remedies For Cancer 2019
वर्ष 2019 में आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए, इन उपायों को करने से आपको विभिन्न प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और आप अपने मनचाहे परिणामों को आसानी से प्राप्त कर पाएंगे:
प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को नियमित रूप से चमेली के तेल का दीपक जला कर बजरंग बाण का पाठ करें और किसी किसी मंगलवार अथवा शनिवार को सुंदरकांड का पाठ भी करें।
प्रत्येक सोमवार शिवलिंग पर सूखे अक्षत (बिना टूटे चावल) चढ़ाएं और आंकड़े के फूल से भगवान शिव की आराधना करें।
अपने भोजन तथा जल-पान आदि के लिए चाँदी के बर्तनों का उपयोग करें और नियमित रूप से ध्यान तथा योगाभ्यास अवश्य करें।
गीता प्रेस गोरखपुर की मां दुर्गा सप्तशती से देवी कवच का पाठ करें।
इस साल आपका पारिवारिक जीवन और व्यापार सबसे ज्यादा खराब रहने वाला है। आपको समझदारी से काम लेना होगा। योग, ध्यान और प्राणायाम करें।
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सिंह राशिफल 2019 यह इंगित करता है कि करियर के क्षेत्र में आपकी मेहनत रंग लाएगी और आपको नई जगह नौकरी करने का अवसर मिलेगा। अपनी मेहनत से कार्यक्षेत्र में आप नया मुकाम बनाएंगे। इस वर्ष आर्थिक जीवन में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि धन के आवागमन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। फरवरी से अप्रैल तक की अवधि में धन संबंधी मामलों में थोड़ा संभलकर चलें।
इस साल लव लाइफ में कुछ चुनौतियां सामने आ सकती हैं। इसलिए आपको अधिक सावधान रहने की जरुरत होगी। प्रियतम के साथ किसी बात को लेकर अनबन हो सकती है अथवा किसी ग़लतफ़हमी के कारण भी रिश्तों में खटास आ सकती है।
आपके पारिवारिक जीवन के लिए शानदार रहेगा। परिवार में शांति का माहौल रहेगा। साथ ही घर में ख़ुशियाँ आएंगी। घर के सदस्यों के बीच तालमेल और एकता दिखाई देगी। जनवरी में घरेलू परिस्थितियों में हल्का-फुल्का उतार-चढ़ाव नज़र आ सकता है परंतु यह परिस्थिति मामूली समय के लिए ही होगी। आपको वैवाहिक जीवन में मिश्रित परिणामों की प्राप्ति होगी।
हालांकि यह वर्ष आपके लिए सामान्य से बेहतर रहेगा। जीवनसाथी के साथ रिश्ते बेहतर तो होंगे ही साथ में दोनों के बीच विवाद भी देखने को मिल सकता है। छात्रों के लिए यह साल थोड़ा कमज़ोर दिखाई दे रहा है। इस साल आपको पढ़ाई में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। छात्रों का पढ़ाई में मन कम लगेगा। किसी कारण से आपकी पढ़ाई प्रभावित होगी।
सिंह राशिफल 2019 – Singh Rashi 2019
साल 2019 की शुरुआत में शनि – धनु राशि, गुरु – वृश्चिक राशि और राहु 6 मार्च, 2019 को मिथुन राशि में रहेगा। वहीं केतु धनु राशि, गुरु राशि परिवर्तन कर 30 मार्च को धनु राशि और फिर 25 अप्रैल को वृश्चिक राशि में गोचर कर 5 नवंबर को वापिस धनु राशि में गोचर करेगा। ये 10 अप्रैल को वक्री होकर 11 अगस्त को मार्गी होगा। शनि 30 अप्रैल को वक्री होकर 18 सितंबर को मार्गी होगा।
सिंह राशिफल 2019 के अनुसार पारिवारिक जीवन – Family
शनि की कुदृष्टि के कारण आपकी राह मुश्किल होने वाली है। पारिवारिक जीवन पर भी इसका असर पड़ेगा। कई तरह से आपके लिए मुश्किल समय है। समय-समय पर आपको लोगों और चीज़ों को संभालना पड़ेगा। खर्चों, सेहत संबंधी समस्या और पड़ोसियों के कारण परेशानी उठानी पड़ सकती है। परेशान रहने के बावजूद आप कुछ नहीं कर पाएंगें।
सिंह राशिफल 2019 के अनुसार वैवाहिक जीवन – Marriage Life
इस साल आपका वैवाहिक जीवन बढिया रहने वाला है। जरूरत पड़ने पर आपका जीवनसाथी आपको अच्छे से समझ पाएगा। आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकते हैं। मार्च के बाद थोड़ी बहुत परेशानियां आ सकती हैं लेकिन आप अपनी कॉमन सेंस से उन्हें भी पार कर लेंगें।
सिंह राशिफल 2019 के अनुसार सेहत – Health
पैर, कंधे, नसों और ह्रदय संबंधित परेशानी हो सकती है। इस वजह से आप परेशान रह सकते हैं। मार्च के बाद और मई 2019 से पहले ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। सही दवाएं और व्यायाम जरूर करें।
सिंह राशिफल 2019 के अनुसार करियर – Carrier
राहु की दशा और राहु के नक्षत्र में दशा स्वामी हो तो आपको करियर मं तेजी से सफलता मिलेगी। पंचम भाव आपके करियर में परेशानियां उत्पन्न कर सकता है। वर्तमान नौकरी बदलनी पड़ सकती है। आपके काम में भी बदलाव किया जा सकता है। नौकरी में तनाव बढ़ जाएगा।
सिंह राशिफल 2019 के अनुसार व्यापार – Business
व्यापार के लिए ज्यादा अच्छा समय नहीं है। आपको अपने प्रयासों का मनचाहा फल नहीं मिल पाएगा। आपके प्रतिद्वंदियों का आपसे ज्यादा फायदा होगा। प्रतिस्पर्धा के चक्कर में आपको पैसों का नुकसान हो सकता है। अपने किसी गलत निर्णय के कारण आपको बाद में पछताना पड़ सकता है।
सिंह राशिफल 2019 के अनुसार आर्थिक स्थिति – Financial Condition
स्टॉक मार्केट से आपको धन लाभ हो सकता है। आर्थिक स्थिति बढिया रहेगी। रियल एस्टेट में निवेश से फायदा हो सकता है। आर्थिक पक्ष मजबूत रहेगा। कोई निवेश गलत हो सकता है लेकिन दूसरी जगहों पर किए गए निवेशों से इसके नुकसान की भरपाई हो जाएगी।
सिंह राशिफल 2019 के अनुसार रोमांस – Love & Romance
इस साल आपकी लव लाइफ बहुत बढिया रहने वाली है। मार्च के महीने के बाद आपको थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि इसके बाद आप दोनों के बीच गलतफहमी और गुस्से की दीवार खड़ी हो सकती है।
सिंह राशिफल 2019 उपाय – Remedies For Leo 2019
वर्ष 2019 में आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए, इन उपायों को करने से आपको विभिन्न प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और आप अपने मनचाहे परिणामों को आसानी से प्राप्त कर पाएंगे:
नियमित रूप से श्वेतार्क वृक्ष को जल चढ़ाएं तथा आदित्य हृदय स्त्रोत्र का पाठ करें।
मंगलवार के दिन किसी मंदिर में जाकर लाल रंग का झंडा लगाएँ तथा किसी गरीब को रंगीन कंबल दान में दें।
रविवार के दिन किसी अनाथालय, वृद्ध आश्रम अथवा अंध-विद्यालय जाकर सेवा करें तथा निशुल्क दवाईयां वितरित करें।
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कन्या राशिफल 2019 के अनुसार इस साल आपको करियर में मिश्रित परिणाम मिलेंगे। इस दौरान आगे बढ़ने के कई मौके मिलेंगे। बेहतर भाषा शैली और संवाद की वजह से आप नौकरी व व्यवसाय में आप एक अलग मुकाम हासिल करेंगे। इस साल आर्थिक जीवन भी सामान्य रहने का संकेत दे रहा है। आमदनी बढ़ेगी और अलग-अलग साधनों से आपको आय प्राप्त होगी। हालांकि आय बढ़ने के साथ-साथ खर्चों में भी वृद्धि होगी इसलिए खर्चों पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी।
इस साल पारिवारिक जीवन अच्छा व्यतीत होगा। आप परिजनों का ख़्याल रखेंगे। यदि घर के सदस्यों के साथ किसी प्रकार की अनबन हो जाती है तो कृपया बहसबाज़ी न करें और परिस्थिति को संभालने का प्रयास करें। इस साल आपके वैवाहिक जीवन में मिलाजुला असर देखने को मिलेगा। शुरुआती माह में जीवनसाथी की सेहत में कमी देखी जा सकती है। मार्च-अप्रैल का समय वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा रहेगा। इस साल आप अपनी पढ़ाई के प्रति ज़्यादा संजीदा दिखाई देंगे। प्रेम जीवन के लिए यह साल कुछ ख़ास नहीं रहने वाला है। आपको कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं काम के सिलसिले में घर से दूर भी जाना पड़ सकता है।
छात्रों के लिए यह साल कई सौगात देने का वादा कर रहा है। परीक्षा परिणाम में आपकी मेहनत रंग लाएगी। यदि शिक्षा के प्रति आपका लगाव ऐसा ही रहा तो आप निश्चित रूप से आने वाली हर परीक्षा में सफल होंगे। इस साल आपकी सेहत सामान्यत: अच्छी रहेगी। छोटे-मोटे विकारों को यदि छोड़ दें तो आपको समय अच्छे से गुजरेगा।
कन्या राशिफल 2019 – Kanya Rashi 2019
साल 2019 की शुरुआत में शनि – धनु राशि, गुरु – वृश्चिक राशि और राहु 6 मार्च, 2019 को मिथुन राशि में रहेगा। वहीं केतु धनु राशि, गुरु राशि परिवर्तन कर 30 मार्च को धनु राशि और फिर 25 अप्रैल को वृश्चिक राशि में गोचर कर 5 नवंबर को वापिस धनु राशि में गोचर करेगा। ये 10 अप्रैल को वक्री होकर 11 अगस्त को मार्गी होगा। शनि 30 अप्रैल को वक्री होकर 18 सितंबर को मार्गी होगा।
कन्या राशिफल 2019 के अनुसार पारिवारिक जीवन – Family
पारिवारिक जीवन सामान्य रहेगा। रोज़मर्रा के जीवन में आपके कई तरह की परेशानियां आएंगीं। बहस या मतभेद हो सकते हैं लेकिन ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। धीमी गति से चीज़ें चलेंगीं इसलिए आपको ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।
कन्या राशिफल 2019 के अनुसार वैवाहिक जीवन – Marriage Life
गुरु और शनि की दशा से गुज़र रहे जातकों को वैवाहिक जीवन शुभ रहेगा। बृहस्पति आपको अपना अत्यंत शुभ प्रभाव देगा। राहू और केतु की दशा में थोड़ी परेशानी हो सकती है और आपके वैवाहिक जीवन में भी समस्याएं आ सकती हैं। आप एडजस्ट करने में असफल रहेंगें और इस वजह से आपको असहज महसूस होगा।
कन्या राशिफल 2019 के अनुसार सेहत – Health
सेहत को लेकर आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। सांस से संबंधित कोई मामूली परेशानी हो सकती है लेकिन आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।
कन्या राशिफल 2019 के अनुसार करियर – Carrier
मार्च के बाद करियर में परेशानियां आ सकती हैं। आपको नौकरी छोड़नी पड़ सकती है। स्थान परिवर्तन के योग भी बने हुए हैं। शहर बदलना पड़ सकता है। बेहतर नौकरी मिलने की भी प्रबल संभावना है। सीनियर्स का साथ मिलेगा और आपको अपने प्रयासों में सफलता मिलेगी। टीम लीडर या मेंटर बनने का मौका मिल सकता है।
कन्या राशिफल 2019 के अनुसार व्यापार – Business
मार्च तक बिजनेस में सब कुछ अच्छा रहेगा और इसके बाद भी आपको ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। व्यापार में बहुत कुछ अच्छा होने वाला है। केतु और शनि की दशा से गुज़र रहे लोगों को थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है वरना बाकी लोगों के लिए ये साल बहुत बढिया है।
कन्या राशिफल 2019 के अनुसार आर्थिक स्थिति – Financial Condition
इस साल आपकी आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। पैसों का प्रवाह बना रहेगा। पैसों को लेकर कोई दिक्कत नहीं आएगी। निवेश से लाभ मिल सकता है। इस साल आपको किसी निवेश से खूब पैसा मिलने की संभावना है।
कन्या राशिफल 2019 के अनुसार रोमांस – Love & Romance
इस साल प्यार के मामले में आप अनलकी हो सकते हैं। किसी रिश्ते का अंत होने की संभावना बनी हुई है। शक की वजह से इस साल आपका रिश्ता टूट सकता है। अपने रिश्ते को बनाए रखने के लिए अपने पार्टनर पर भरोसा करें तभी कुछ हो सकता है वरना नहीं।
कन्या राशिफल 2019 उपाय – Remedies For Virgo 2019
वर्ष 2019 में आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए, इन उपायों को करने से आपको विभिन्न प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और आप अपने मनचाहे परिणामों को आसानी से प्राप्त कर पाएंगे:
नियमित रूप से गीता का पाठ करें अथवा श्री गोपाल सहस्त्रनाम स्त्रोत्र का पाठ करें।
समय-समय पर किन्नरों को कोई वस्तु भेंट में दें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
बुधवार और रविवार को भैरव मंदिर जाकर दर्शन करें और काले रंग के कुत्ते को रोटी तथा दूध दें।
ध्यान – मैडिटेशन करें और सुबह सैर पर जाएं, सब कुछ ठीक होगा।
https://ift.tt/2DA3uB5 http://bit.ly/2pnaflz Bhaktisanskar.com – भक्ति और अध्यात्म का संगम कन्या राशिफल 2019 – कन्या राशि 2019 कैसा रहेगा भविष्यफल
राशिफल 2019 के अनुसार तुला राशि वालों के लिए आगामी वर्ष कई मायनों में अच्छा रहने वाला है। इस साल करियर, शिक्षा और आर्थिक क्षेत्र में अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद है। वहीं पारिवारिक और प्रेम जीवन भी सुखद व्यतीत होगा।
तुला राशिफल 2019 के अनुसार इस साल मार्च के महीने में नौकरीपेशा जातकों को कोई अच्छी सौगात मिल सकती है। नये आइडिया की वजह से कार्यक्षेत्र में आपको तरक्की मिल सकती है। इस वर्ष नौकरी और व्यवसाय में सहयोगियों से ज्यादा मदद की अपेक्षा ना रखें। बेहतर होगा कि आप अपना कार्य स्वयं करें। धन संबंधी मामलों में इस साल भाग्य आपका साथ देगा। इसके परिणामस्वरुप आपको धन लाभ की प्राप्ति होगी। वित्तीय मामलों में आपको कई अच्छे अवसर मिलेंगे। इससे आपकी आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी।
पारिवारिक जीवन में भी मधुरता आएगी। इस साल पारिवारिक जीवन में कोई बड़ी खुशी मिल सकती है। इस दौरान घर में विवाह, मुंडन या संतान के जन्म जैसे जुड़ा कोई मांगलिक कार्य संपन्न होने की संभावना है। वहीं वैवाहिक जीवन में थोड़ा तनाव रह सकता है। विशेषकर जनवरी-फरवरी के दौरान दाम्पत्य जीवन में कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि इस दौरान आप संयम और धैर्य से काम लें।
इस वर्ष आपकी माता जी की सेहत में थोडी-बहुत गिरावट नज़र आ सकती है, परंतु यदि उनकी सेहत की अच्छी तरह से देखभाल की जाए तो सबकुछ ठीक रहेगा। वैवाहिक जीवन में थोड़ा तनाव रह सकता है। यह साल छात्रों के लिए ख़ास रहेगा। पढ़ाई के प्रति आपकी मेहनत और लगन देखने लायक होगी। परीक्षा में सफल परिणाम देखने को मिलेंगे। इस वर्ष छात्रों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान भी प्राप्त होगा। वहीं जो छात्र किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उनको इस वर्ष सफलता मिलने की प्रबल संभावना है।
तुला राशिफल 2019 – Tula Rashi 2019
साल 2019 की शुरुआत में शनि – धनु राशि, गुरु – वृश्चिक राशि और राहु 6 मार्च, 2019 को मिथुन राशि में रहेगा। वहीं केतु धनु राशि, गुरु राशि परिवर्तन कर 30 मार्च को धनु राशि और फिर 25 अप्रैल को वृश्चिक राशि में गोचर कर 5 नवंबर को वापिस धनु राशि में गोचर करेगा। ये 10 अप्रैल को वक्री होकर 11 अगस्त को मार्गी होगा। शनि 30 अप्रैल को वक्री होकर 18 सितंबर को मार्गी होगा।
तुला राशिफल 2019 के अनुसार पारिवारिक जीवन – Family
तुला राशि के लोगों का पारिवारिक जीवन सामान्य रहेगा। परिवार में कोई उत्सव या समारोह का आयोजन किया जा सकता है जोकि आपके लिए यादगार रहेगा। परिवार के सदस्यों के साथ कहीं घूमने जा सकते हैं। इस साल आपके घर मेहमानों का आना-जाना लगा रहेगा। शादी या बच्चे का जन्म भी हो सकता है।
तुला राशिफल 2019 के अनुसार वैवाहिक जीवन – Marriage Life
मार्च के बाद आपका अच्छा खासा वैवाहिक जीवन बिगड़ जाएगा। जीवनसाथी की कंपनी आपको पसंद नहीं आएगी। बहस हो सकती है लेकिन ज्यादा गंभीर होने की जरूरत नहीं है। काम की वजह से आपको बाहर जाना पड़ सकता है और इस वजह से आप अपने पार्टनर से बात नहीं कर पाएंगें।
तुला राशिफल 2019 के अनुसार सेहत – Health
इस साल सेहत को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है। कमर दर्द, पैरों में दर्द या छाती में कोई परेशानी हो सकती है।
तुला राशिफल 2019 के अनुसार करियर – Carrier
मार्च के बाद आपके करियर में रफ्तार आ सकती है लेकिन आप इससे ज्यादा खुश नहीं रहेंगें। आखिरी मिनट पर निराशा ही हाथ लगेगी। समय पर काम पूरा नहीं कर पाएंगें। कार्य प्रदर्शन भी खराब रहेगा। काम में देरी की संभावना है। आपको समझ ही नहीं आएगा कि आपके आसपास क्या हो रहा है। केतु की दशा से गुज़र रहे जातकों के लिए अच्छा समय है। सहकर्मियों के साथ तालमेल बैठाने में परेशानियां आ सकती हैं।
तुला राशिफल 2019 के अनुसार व्यापार – Business
पार्टनर के साथ आपसी समझ बेहतर हो पाएगी और आप दोनों के बीच सब कुछ अच्छा रहेगा। इस साल कोई नया काम शुरु कर सकते हैं। मार्च के बाद आपके काम में तेजी आएगी और आपको काम में सफलता मिलेगी। सेल्स या मार्केटिंग में आप कोई रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
तुला राशिफल 2019 के अनुसार आर्थिक स्थिति – Financial Condition
इस साल आपकी आर्थिक स्थिति बढिया रहने वाली है। पैसों को लेकर किसी भी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। रिश्तेदारों और दोस्तों से मदद मिलेगी। बैंक बैलेंस बढिया रहने वाला है। आर्थिक रूप से ये साल आपके लिए बढिया रहने वाला है।
तुला राशिफल 2019 के अनुसार रोमांस – Love & Romance
रोमांस के लिए भी ये साल बेहतरीन है। प्रेम संबंधों में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आएगी। सिंगल लोगों की जिंदगी में प्यार के रंग भर सकते हैं। इस रिश्ते की वजह से आपकी जिंदगी में खुशियां आ सकती हैं। किसी अन्य धर्म या निचली जाति के व्यक्ति के साथ संबंध बन सकते हैं।
तुला राशिफल 2019 उपाय – Remedies For Libra 2019
वर्ष 2019 में आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए, इन उपायों को करने से आपको विभिन्न प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और आप अपने मनचाहे परिणामों को आसानी से प्राप्त कर पाएंगे:
नियमित रूप से गौ माता को आटे का पेड़ा खिलाएं और उनकी पीठ पर तीन बार हाथ फेरें।
1 से 11 वर्ष तक की छोटी कन्याओं को कुछ मिठाई अथवा मिश्री खिलाएँ तथा उनके पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें। ऐसा समय समय पर करते रहे।
सकारात्मक सोच रखें और मानसिक रूप से संतुलित रहें।
https://ift.tt/2DA3uB5 http://bit.ly/2pnaflz Bhaktisanskar.com – भक्ति और अध्यात्म का संगम तुला राशिफल 2019 – तुला राशि 2019 कैसा रहेगा भविष्यफल
वृश्चिक राशिफल 2019 – Vrishchik Rashifal In Hindi 2019
फलादेश 2019 इंगित करता है कि वृश्चिक राशि वालों का करियर इस साल चमकेगा। नौकरी पेशा और बिजनेस करने वाले जातकों को सुनहरे अवसर मिलेंगे। इस दौरान नई नौकरी के प्रस्ताव मिल सकते हैं, साथ ही जॉब के लिए विदेश जाने का मौका भी मिल सकता है। अगस्त और सितंबर का महीना करियर से जुड़े मामलों के लिए बहुत ही भाग्यशाली होने की संभावना है।
साल 2019 वृश्चिक राशि के जातकों का आर्थिक जीवन सामान्य रहने की उम्मीद है। इस वर्ष धन संबंधी मामलों में कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। वहीं आय की तुलना में खर्च अधिक होने से आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ सकता है इसलिए धन से जुड़े मामलों में संतुलन बनाकर चलने की जरुरत होगी।
इस वर्ष छात्रों को पढ़ाई में अच्छे परिणाम मिलेंगे। पढ़ाई में सफलता पाने के लिए आप जीतोड़ मेहनत करेंगे और आपको मेहनत अच्छा फल भी प्राप्त होगा। अगर आप लैंग्वेज़ कोर्स कर रहे हैं तो इसमें आपको अच्छे अवसर मिल सकते हैं। टूरिज्म और मैनेजमेंट के क्षेत्र में छात्रों के लिए ढेरों संभावनाएं रहेंगी।
यदि अविवाहित हैं तो लव मैरिज के योग बनेंगे। आप लव पार्टनर के साथ कीमती समय व्यतीत कर सकते हैं। आपकी फैमिली लाइफ़ की चर्चा करें तो इस वर्ष आप अपने परिवार की ज़िम्मेदारियों को निभाएंगे। परिवार के लोगों को आपसे ढ़ेर सारी उम्मीदें होंगी। उनके विश्वास को न तोड़ें और ऐसा कोई भी कार्य न करें जिससे समाज में परिजनों की बदनामी हो।
वृश्चिक राशिफल 2019 – Vrishchik Rashi 2019
साल 2019 की शुरुआत में शनि – धनु राशि, गुरु – वृश्चिक राशि और राहु 6 मार्च, 2019 को मिथुन राशि में रहेगा। वहीं केतु धनु राशि, गुरु राशि परिवर्तन कर 30 मार्च को धनु राशि और फिर 25 अप्रैल को वृश्चिक राशि में गोचर कर 5 नवंबर को वापिस धनु राशि में गोचर करेगा। ये 10 अप्रैल को वक्री होकर 11 अगस्त को मार्गी होगा। शनि 30 अप्रैल को वक्री होकर 18 सितंबर को मार्गी होगा।
वृश्चिक राशिफल 2019 के अनुसार पारिवारिक जीवन – Family
आपके लग्न भाव में बैठा गुरु पारिवारिक जीवन को सुखमय बना रहा है। इस साल आप अपने जीवन के कई यादगार पल बना पाएंगें। दोस्तों-रिश्तेदारों के साथ कहीं घूमने निकल सकते हैं। खूब मौज-मस्ती करेंगें। छोटे भाई-बहनों के बीच सम्मान बढ़ेगा।
वृश्चिक राशिफल 2019 के अनुसार वैवाहिक जीवन – Marriage Life
आपका वैवाहिक जीवन सामान्य रहने वाला है। जीवनसाथी और परिवार का पूरा सहयोग प्राप्त होगा। अगर आपकी पार्टनर गर्भवती है तो आपको इस साल पुत्र की प्राप्ति हो सकती है। आपके निजी जीवन में सब कुछ अच्छा रहेगा। अपने जीवनसाथी के साथ अच्छा समय बिता पाएंगें। सब कुछ सकारात्मक रहेगा। मामूली बहस हो सकती है।
वृश्चिक राशिफल 2019 के अनुसार सेहत – Health
आपको सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत है। तले-भुने भोजन से दूर रहें और जंक फूड भी ना खाएं। ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।
वृश्चिक राशिफल 2019 के अनुसार करियर – Carrier
अगर आपका दशा स्वामी राहु या केतु है या इन ग्रहों के नक्षत्र में है तो इसका आपके करियर पर बहुत बुरा असर पड़ेगा अन्यथा आपके लिए अच्छा समय है। प्रमोशन कोई नया काम मिलना, नई नौकरी, सैलरी में बढ़ोत्तरी आदि की संभावना है।
वृश्चिक राशिफल 2019 के अनुसार व्यापार – Business
बिजनेस के लिए अच्छा समय है। आपको कोई नया काम मिल सकता है। नए दोस्त या कोई नया बिजनेस आपके दिमाग में चलता रहेगा। लोगों का सहयोग मिलेगा। राहु या केतु की दशा से गुज़र रहे जातक बुरे स्वप्नों से परेशान हो सकते हैं, अन्यथा ये साल आपके लिए शुभ रहेगा।
वृश्चिक राशिफल 2019 के अनुसार आर्थिक स्थिति – Financial Condition
इस साल आपकी आर्थिक स्थिति भी बहुत बढिया रहने वाली है। बिजनेस में खूब पैसा कमाने का मौका मिलेगा और आप उस पैसे को अच्छी तरह से संभाल भी पाएंगें। बैंक बैलेंस बढ़ेगा लेकिन आपको किसी बॉन्ड या अन्य जगहों पर निवेश करने की जरूरत नहीं है।
वृश्चिक राशिफल 2019 के अनुसार रोमांस – Love & Romance
प्रेम संबंधों को लेकर आपको परेशानी हो सकती है। कोई प्रेम संबंध शादी में बदल सकता है। कोई नया रिश्ता भी बन सकता है। आपको इस साल खूब प्यार मिलेगा। मार्च के बाद आपको अपना सच्चा प्यार मिल सकता है
वृश्चिक राशिफल 2019 उपाय – Remedies For Scorpio 2019
वर्ष 2019 में आपको निम्नलिखित उपाय करने चाहिए, इन उपायों को करने से आपको विभिन्न प्रकार की समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और आप अपने मनचाहे परिणामों को आसानी से प्राप्त कर पाएंगे:
प्रतिदिन अपनी नाभि, गर्दन, दोनों कान, मस्तक तथा जीभ पर केसर का तिलक लगाएँ।
मछलियों को दाना अथवा आटे की गोलियां डालें तथा सात सूखे नारियल बुधवार की शाम को चलते हैं हुए पानी में बहाएं।
नियमित रूप से मां दुर्गा की उपासना करें और दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
गुरुवार के दिन महीने में एक बार पंडित या ब्राह्मण को पीले रंग के वस्त्र दान करने हैं या किसी मंदिर के बाहर पानी की टंकी लगवाएं।
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