देवोत्थान एकादशी 2018 – देवोत्थान एकादशी व्रत पूजा विधि व मुहूर्त
पूरे साल 24 एकादशी होती है. हर महीने दो एकादशी पड़ती है, एक शुक्ल पक्ष में तो दूसरी कृष्ण पक्ष में. सभी एकादशी में कार्तिक शुक्ल एकादशी का विशेष महत्व होता है. देवशयनी एकादशी के बाद भगवान श्री हरि यानि की विष्णु जी चार मास के लिये सो जाते हैं ऐसे में जिस दिन वे अपनी निद्रा से जागते हैं तो वह दिन अपने आप में ही भाग्यशाली हो जाता है। आषाढ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को वे निद्रा में चले जाते हैं उसे देवशयनी कहा जाता है और जिस दिन निद्रा से जागते हैं वह कहलाती है देवोत्थान एकादशी इसे देवउठनी और प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है। कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी ही वह शुभ दिन होता है जब भगवान विष्णु जागते हैं। आइये जानते हैं देवोत्थान एकादशी के व्रत, कथा और महत्व के बारे में। इस बार ये एकादशी 19 नवंबर, सोमवार को पड़ रही है |
देवोत्थान एकादशी मान्यता – Belief of Devutthana Ekadashi
इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के बाद जागते हैं, तुलसी के पौधे से उनका विवाह होता है | देवउठनी एकादशी को तुलसी विवाह उत्सव भी कहा जाता है, देवउठनी एकादशी के बाद सभी तरह के शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं, लेकिन इस बार देव जागने के 18 दिन बाद भी कोई वैवाहिक और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त नहीं है |
देवउठनी एकादशी पूजा करने की विधि – Devutthana Ekadashi 2018
तुलसी विवाह के दिन एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन तुलसी जी के साथ विष्णु की मूर्ति रखी जाती है। विष्णु की मूर्ति को पीले वस्त्र से सजाया जाता है. तुलसी के पौधे को सजाकर उसके चारों तरफ गन्ने का मंडप बनाया जाता है, तुलसी जी के पौधे पर चुनरी चढ़ाकर विवाह के रिवाज होते है |
प्रबोधिनी एकादशी का महत्व – Importance of Devutthana Ekadashi
- ये त्योहार धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के लिए किया जाता है.
- पूजन के अंत में ‘ऊं भूत वर्तमान समस्त पाप निवृत्तय-निवृत्तय फट्’ मंत्र की 21 माला जाप कर अग्नि में शुद्ध घी की 108 आहुतियां अवश्य देनी चाहिए. इससे जीवन के सारे रोगों, कष्टों व चिंताओं से मुक्ति मिल जाती है. जीवन में कल्याण ही कल्याण होगा.
- देवोत्थान एकादशी व्रत का फल एक हजार अश्वमेघ यज्ञ और सौ राजसूय यज्ञ के बराबर होता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान व भगवान विष्णु के पूजन का विशेष महत्व है.
इस दिन क्या करें – How to Celebrate Devutthana Ekadashi
- घर और मंदिर में गन्ने का मंडप बनाए.
- लक्ष्मीनारायण का पूजन करें.
- उन्हें बेर, आंवला सहित अन्य मौसमी फल का भोग भी लगाएं.
देवोत्थान एकादशी 2018 तिथि व मुहूर्त
2018 में देवोत्थान एकादशी का व्रत 19 नवंबर को है। साधु सन्यासी, विधवाओं एवं मोक्ष की इच्छा रखने वालों के लिये वैकल्पिक एकादशी 20 नवंबर को रखा जायेगा। इस वैकल्पिक एकादशी को वैष्णव एकादशी भी कहा जाता है।
- देवोत्थान एकादशी तिथि – 19 नवंबर 2018
- पारण का समय – 06:52 से 08:58 बजे तक (20 नवंबर 2018)
- एकादशी तिथि आरंभ – 13:34 बजे से (18 नवंबर 2018)
- एकादशी तिथि समाप्त – 14:30 बजे (19 नवंबर 2018)
देवउठनी एकादशी के उपाय | Dev Uthani Ekadashi Ke Upay
इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए यदि विशेष उपाय किए जाएं तो विशेष फल मिलता है और साधक की मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। ये उपाय इस प्रकार हैं-
- देवउठनी एकादशी की शाम तुलसी के पौधे के सामने गाय के घी का दीपक लगाएं और ऊँ वासुदेवाय नम: मंत्र बोलते हुए तुलसी की 11 परिक्रमा करें। इस उपाय से घर में सुख-शांति बनी रहती है और किसी भी प्रकार का कोई संकट नहीं आता।
- एकादशी पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करें तो जीवन के सभी सुख प्राप्त होते हैं। इसके बाद विधिपूर्वक गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। स्त्रियों के लिए यह स्नान उनके पति की लंबी उम्र और अच्छा स्वास्थ्य देने वाला माना गया है।
- यदि आप धन की इच्छा रखते हैं तो एकादशी पर समीप स्थित किसी विष्णु मंदिर जाएं और भगवान विष्णु को सफेद मिठाई या खीर का भोग लगाएं। इसमें तुलसी के पत्ते अवश्य डालें। इससे भगवान विष्णु जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं।
- एकादशी पर एक नारियल व थोड़े बादाम भगवान विष्णु के मंदिर में चढ़ाएं। यह उपाय करने से आपको जीवन के सभी सुख प्राप्त हो सकते हैं और अटके कार्य भी बन सकते हैं
- एकादशी पर भगवान श्री विष्णु का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें। ये करने से भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और साधक की हर मनोकामना पूरी कर सकती हैं।
- भगवान श्री विष्णु को पीतांबरधारी भी कहते हैं, जिसका अर्थ है पीले रंग के वस्त्र धारण करने वाला। एकादशी के दिन आप पीले रंग के कपड़े, पीले फल व पीला अनाज पहले भगवान विष्णु को अर्पण करें, इसके बाद ये सभी वस्तुएं गरीबों व जरूरतमंदों में दान कर दें। ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा आप पर बनी रहेगी।
- यदि आप निरंतर कर्ज में फंसते जा रहे हैं तो एकादशी पर समीप स्थित किसी पीपल के वृक्ष पर पानी चढ़ाएं और शाम के समय दीपक लगाएं। पीपल में भी भगवान विष्णु का ही वास माना गया है। इस उपाय से जल्दी ही आप कर्ज मुक्त हो सकते हैं।
- इस दिन दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान श्रीविष्णु का अभिषेक करें। इस उपाय से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी दोनों प्रसन्न होते हैं।
- धन की कामना रखने वाले साधक एकादशी के दिन नीचे लिखे मंत्र का 5 माला जाप करें- ऊं ह्लीं ऐं क्लीं श्री: एकादशी के दूसरे दिन किसी ब्राह्मण को भोजन करवाकर उसे दक्षिणा, वस्त्र, आदि भेंट स्वरूप प्रदान करें। इससे आपको लाभ हो सकता है।
- एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करें और पूजा करते समय कुछ पैसे विष्णु भगवान की मूर्ति या तस्वीर के समीप रख दें। पूजन करने के बाद यह पैसे फिर से अपने पर्स में रख लें। इससे धन लाभ होने की संभावना बन सकती है।
- काफी कोशिशों के बाद भी यदि आमदनी नहीं बढ़ रही है या नौकरी में प्रमोशन नहीं हो रहा है तो एकादशी पर 7 कन्याओं को घर बुलाकर भोजन कराएं। भोजन में खीर अवश्य होना चाहिए। कुछ ही दिनों में आपकी कामना पूरी हो सकती है
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